भारत एक सहिष्णु देश, दुनिया को इससे सीख लेनी चाहिए : दलाई लामा
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने सोमवार को कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्म और संप्रदायों के लोग आपस में मिलजुलकर रहते हैं. तो दुनिया के अन्य देशों में लोग इसी प्रकार समभाव से क्यों नहीं रह सकते.
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (फाइल फोटो) |
नोबल पुरस्कार दलाई लामा ने कहा, \'आज दुनिया में समभाव की जरूरत है. भारत इसकी जीती-जागती मिसाल है. इसलिए भारत, तिब्बत का गुरु है और तिब्बत भारत का शिष्य. तिब्बत की सर्वधर्म समभाव की शिक्षा भारत की सभ्यता से पूरी तरह से मेल खाती है. दुनिया में शांति लाने के लिए हमें इस भाव को आगे बढ़ाना चाहिए.\' यह सहिष्णुता दुनिया को भी सीखनी चाहिए.
तिब्बती धर्मगुरु ने कहा, \'भारत व तिब्बती सभ्यता एक जैसी हैं. तिब्बत में भारतीय संस्कृति आज भी प्रचलित है. प्राचीन काल में भारत में ज्ञान के दो बड़े केंद्र (तक्षशिला व नालंदा) थे, जहां दुनिया भर से दस हजार से अधिक छात्र विभिन्न विषयों के अध्ययन के लिए आते थे. इन्हें पढ़ाने के लिए वहां शिक्षक भी हजार के करीब होते थे.\'
उन्होंने कहा, \'उन विश्विद्यालयों में संकलित हजारों ग्रंथ भले ही तत्कालीन आक्रमणकारियों द्वारा जला दिए गए हों, लेकिन तिब्बती साहित्य में वह आज भी उपलब्ध हैं. महीनों जलते रहे ग्रंथालयों के कुछ ग्रंथ बौद्घों के हाथ लगे तो उन्होंने वह ज्ञान भोट (तिब्बती) भाषा में संकलित कर लिया.\'
उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि अहिंसा, दया, करुणा, समभाव, सहिष्णुता आदि भाव भारत की ही देन हैं. उन्होंने समाज में पैदा हो रही समस्याओं के कारणों पर प्रकाश डालते हुए उनके निदान का तरीका भी सुझाया.
| Tweet |