मि. प्रेसिडेंट, आप की हर चुनौती हमें मंजूर है
प्रिय निर्वाचित श्रीमान् राष्ट्रपति, आपके शपथ ग्रहण की तैयारी के बीच हमें महसूस हुआ कि पहले से ही स्पष्ट कर देना बेहतर होगा कि आपके प्रशासन और अमेरिकन प्रेस कॉर्प्स के बीच हम कैसे संबंध चाहते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प |
आपको जानकर अचरज नहीं होना चाहिए कि हमें इस संबंध में तनाव दिख रहा है. बीते कुछ दिनों में ऐसी खबरें मिलीं कि आपके प्रेस सचिव व्हाइट हाउस से न्यूज मीडिया कार्यालयों को बाहर कर देने पर विचार कर रहे हैं. आपके समूचे चुनाव अभियान के दौरान जैसा आपका व्यवहार रहा है, उसकी यह एक बानगी है : चुनाव अभियान के दौरान आपने खबरों के लिए आप तक पहुंचने से रोकने के लिए समाचार संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया.
ताने मारने और संवाददाताओं को धमकाने और अपने समर्थकों को धमकी भरा आचरण करने को उकसाने के लिए ट्विटर का इस्तेमाल शुरू कर दिया. आपने मानहानि संबंधी कानूनों को शिथिल करने की दलील दी है और अपने से ही अनेक मुकदमे, जिनमें से वास्तव में एक भी दायर नहीं किया गया, चलाने की धमकी दी. आपने प्रेस से दूरी बनाई जबकि पूल रिपोर्टिग और नियमित संवाददाता सम्मेलन बुलाने संबंधी तौर-तरीकों का उपहास उड़ाया. आपने एक संवाददाता की मात्र इसलिए खिल्ली उड़ाई कि वह दिव्यांग था.
बेशक, यह सब करना आपकी मर्जी है, और अपनी जगह आप सही हैं. संविधान प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है, लेकिन उसमें यह उल्लिखित नहीं है कि राष्ट्रपति को इसका कैसे सम्मान करना होगा. नियमित संवाददाता सम्मेलनों के बारे में इस दस्तावेज में उल्लेख नहीं है.
लेकिन जहां आपके पास प्रेस से साबका पड़ने की स्थिति में अपने नियम तय कर लेने का हर अधिकार है, तो हमारे पास भी ऐसा ही अधिकार है. आखिर, आप हमारे प्रसारण समय और अखबारी कॉलमों को प्रभावित करने का प्रयास ही तो कर रहे हैं. यह हमें, न कि आपको, तय करना है कि कितने अच्छे से हम अपने पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों की सेवा करते हैं. इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए विचारिए कि आगे क्या होने वाला है. आने वाले चार वर्षो में आपकी हमसे अपेक्षाओं के बारे में सोच लेना आपके लिए बेहतर होगा.
जानकारी तक पहुंच ठीक, लेकिन छिद्रान्वेषण नहीं. आप फैसला कर सकते हैं कि अपने प्रशासन तक संवाददाताओं को पहुंचने देना अच्छी बात नहीं. हमें लगता है कि ऐसा करते हुए आप गलती पर होंगे. लेकिन फिर वही बात कि यह आपका फैसला है. हमें जानकारी हासिल करने के वैकल्पिक तरीकों की बेहतर समझ है. सच तो यह है कि चुनाव अभियान के दौरान सबसे अच्छी रिपोर्टिग उन समाचार संगठनों की रही, जिन्हें आपकी रैलियों में प्रतिबंधित किया जा चुका था.
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