काबुल में धमाके, 80 लोगों की मौत, आईएस ने ली जिम्मेदारी

Last Updated 23 Jul 2016 07:27:33 PM IST

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हजारा शियाओं के एक विशाल प्रदर्शन के दौरान हुए दो बम धमाकों में कम से कम 80 लोग मारे गए और 231 अन्य घायल हो गये.


काबुल में बम विस्फोट (फाइल फोटो)

अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. अफगानिस्तान की राजधानी में आईएस का यह पहला बड़ा हमला है.

शिया-सुन्नी सौहार्द के लिए मशहूर इस देश में पंथिक कलह के बीज बोने के इरादे से ये धमाके उस समय किये गये जब बड़ी संख्या में हजारा शिया समुदाय के लोग करोड़ो डॉलर की लागत से बिछायी जा रही बिजली की लाइन को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

हादसे की जगह पर जले हुए शव और शरीर के चिथड़े पड़े हुए हैं, एम्बुलेंस वहां तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं. चूंकि अधिकारियों ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए रात को ज्यादातर महत्वपूर्ण रास्तों को बड़े कंटेनरों के माध्यम से बंद कर दिया था, अब परेशानी आ रही है.

गृहमंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''हमले में 80 लोग शहीद हुए हैं और 231 अन्य घायल हुए हैं.'' उसमें कहा गया है, ''प्राथमिक सूचना के आधार पर हमला तीन आत्मघाती हमलावरों ने किया.. तीसरे हमलावर को सुरक्षा बलों ने मार गिराया.''

अधिकारियों ने बताया कि घायलों के कारण शहर के अस्पतालों में जगह नहीं है. रक्त की कमी की खबरें मिल रही हैं और सोशल मीडिया पर रक्तदान करने की अपील की जा रही है.
   
गर्मियों के दौरान अपने हमलावर अभियान को अंजाम देने वाले और आईएस से कहीं ज्यादा मजबूत आतंकवादी संगठन तालिबान ने इस हमले में कोई भी हाथ होने से इनकार किया है.


इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने उससे जुड़ी संवाद समिति 'अमाक' पर बयान जारी कर हमलों की जिम्मेदारी ली है और इसे शियाओं पर हमला बताया है. अमाक ने लिखा है, ''काबुल में शियाओं की भीड़ में इस्लामिक स्टेट के दो लड़ाकों ने अपने विस्फोट बेल्ट में धमाका किया.''

अफगानिस्तान की मुख्य खुफिया एजेंसी राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने कहा कि हमले का सरगना अशांत अचिन जिले के नांगरहार का आईएस कमांडर अबुल अली है.


   
गौरतलब है कि अभी तक नांगरहार में सीमित आईएस के लिए यह हमला बहुत महत्वपूर्ण है.   हजारा समुदाय की ओर से किए जा रहे एक प्रदर्शन के दौरान यह हमला हुआ. इस समुदाय की मांग है कि एक अहम क्षेत्रीय बिजली लाइन उनके गृह प्रांत से होकर गुजरे.

 राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान जारी कर धमाके की निंदा की. उन्होंने कहा कि वह नरसंहार से ''बहुत दुखी'' हैं और मरने वालों में सुरक्षा बलों के कर्मी भी शामिल हैं.

राष्ट्रपति भवन ने कहा, ''शांतिपूर्ण प्रदर्शन अफगानिस्तान के हर नागरिक का अधिकार है.. लेकिन आतकंवादी उस प्रदर्शन में घुसे और विस्फोट किए, जिनमें सुरक्षा बलों सहित बड़ी संख्या में नागरिक शहीद और घायल हुए.''

 



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