सजा देने के लिए मां-बाप ने बच्चे को भालूओं से भरे जंगल में छोड़ा, बच्चे की तलाश जारी

Last Updated 31 May 2016 11:09:01 AM IST

जापानी बचाव दल के कार्यकर्ता पिछले तीन दिनों से लापता एक सात साल के बच्चे को तलाशने के लिए जंगलों की खाक छान रहे हैं.


बच्चे की तलाश जारी

बच्चे के माता पिता उसे सजा देने के लिए भालुओं से भरे इस जंगल में छोड़ आए थे. घटना को लेकर जनता में आक्रोश है.

माता पिता ने पुलिस को शुरूआत में बताया था कि जब वे लोग जंगल में जंगली कंद मूल तलाशने के लिए पहाड़ की चढ़ाई कर रहे थे तो बच्चा शनिवार को खो गया था. लेकिन बाद में तुरंत उन्होंने स्वीकार किया कि वे बच्चे को सजा देने के लिए उसे जंगल में छोड़ आए थे.

सात साल का बच्चा यामातो तानुका होकाइदो द्वीप के पर्वतीय इलाके में लापता हो गया था जहां बड़ी संख्या में भालू रहते हैं.

यामातो, उसकी बड़ी बहन, मां और पिता शनिवार को जंगल के समीप एक पार्क में आए थे लेकिन जब इस बच्चे ने कारों और लोगों पर पत्थर फेंके तो उसके माता-पिता गुस्से में आए गए. जापानी पुलिस और मीडिया ने यह जानकारी दी है.

घर लौटते समय माता-पिता ने यामातो को कार से बाहर निकाल दिया और उसे जंगल में अकेला छोड़कर आगे बढ़ गए. वे बच्चे को छोड़कर करीब 500 मीटर आगे आ गए. टीवी आशी और अन्य मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गयी है.

स्थानीय पुलिस प्रवक्ता ने माता पिता के हवाले से बताया, ‘‘वे तुरंत वापस उस जगह गए जहां बच्चे को उन्होंने छोड़ा था लेकिन बच्चा वहां नहीं था.’’

करीब 180 बचावकर्मी और पुलिस अधिकारियों ने आज जंगलों में अपने खोजबीन के दायरे को बढ़ा दिया और खोजी कुत्तों तथा घोड़ों को भी घने जंगलों में तलाश के काम में लगा दिया है.

यामातो के पिता ने बताया, ‘‘ मुझे अपने बच्चे के लिए बहुत अफसोस हो रहा है. इतने लोगों को परेशानी में डालने के लिए मैं माफी चाहता हूं.’’

जापानी जनता ने माता-पिता की इस हकरत पर बहुत आक्रोश जताया है.

किसी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘यह सजा नहीं है बल्कि प्रताड़ना है.’’

किसी अन्य ने लिखा, ‘‘मां-बाप इतने मूर्ख हो सकते हैं, मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं.’’

बहुत से लोगों ने जंगल में अकेले बच्चे के भविष्य पर चिंता जतायी है. बच्चा तीन दिन से जंगल में अकेला है जहां रात भर भारी बारिश हुई है और उसके पास भोजन पानी कुछ नहीं है.

स्थानीय कस्बे नाने के प्रवक्ता मित्सुरू वाकायानामा ने बताया कि पहाड़ों का यह इलाका ऐसा क्षेत्र है जिसका इस्तेमाल केवल स्थानीय निवासी कभी कभार छोटे रास्ते के रूप में करते हैं.

उन्होंने बताया, ‘‘उस इलाके से बहुत अधिक लोग या कारें नहीं गुजरती हैं और लाइट नहीं होने के कारण वहां पूरी तरह अंधेरा रहता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘उस इलाके में कहीं भी भालुओं से सामना होना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है.’’



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