'पाकिस्तान के साथ संबंधों से ध्यान हटाने की कोई मंशा नहीं'
पाकिस्तान के साथ अपने अहम संबंध से ध्यान हटाने की ओबामा प्रशासन की कोई 'मंशा' नहीं है और अपनी सुरक्षा जरूरतों पर फैसला लेना पाकिस्तान का अपना सार्वभौम निर्णय है.
जॉन किर्बी (फाइल फोटो) |
पाकिस्तान के नेताओं की ओर से आ रही टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'ये सार्वभौम निर्णय हैं जो राष्ट्र अपनी रक्षा जरूरतों के लिए करते हैं और यह पाकिस्तान के ऊपर है कि वे बताएं कि किस तरह से अपनी रक्षा जरूरतें पूरी करेंगे.'
किर्बी ने यह बात तब कही जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि पाकिस्तान अगर अमेरिका से लड़ाकू जेट विमानों लेने में अक्षम रहता है तो वह इसे चीन या किसी अन्य जगह से ले सकता है.
किर्बी ने कहा, 'जहां तक संबंध की बात है और जैसा कि मैंने कई बार कहा है कि वे हमारे लिए अहम है. दुनिया के उस क्षेत्र के लिए विशेषतौर पर उनका स्थान महत्वपूर्ण है और निश्चित तौर पर इस संबंध से ध्यान हटाने या इसमें कमी लाने की हमारी कोई मंशा नहीं है.'
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'लेकिन स्वाभाविक तौर पर यह सार्वभौम निर्णय है जिसे पाकिस्तान को ही लेना होगा.'
वादे के मुताबिक 43.5 करोड़ डॉलर देने का काम स्थगित करने की कार्रवाई के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों की पूरी कीमत अदा करने को कहा था.
किर्बी ने पाकिस्तान के एक शीर्ष मंत्री की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया कि अमेरिका की सहायता उनके देश के लिए बहुत छोटी रकम है.
Tweet |