संयुक्त राष्ट्र अदालत ने भारत से इतालवी मरीन की वापसी का आदेश दिया
इटली के विदेश मंत्रालय ने हेग स्थित संयुक्त राष्ट्र की स्थायी मध्यस्थता अदालत के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीन में से एक सल्वातोरे गिरोने अब भारत से स्वदेश लौट सकेगा.
इतालवी मरीन की वापसी का आदेश |
बहरहाल, इस बारे में फैसले को मंगलवार को सार्वजनिक किया जाएगा. इतालवी समाचार एजेंसी अनसा ने यह खबर दी है.
इतालवी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘विदेश मंत्रालय सूचित करता है कि हेग में स्थापित मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने अपने उस फैसले को लेकर आशा प्रकट की कि सरकार की ओर से 26 जून, 2015 से शुरू की गई मध्यस्थता की प्रक्रिया के पूरा होने तक गिरोने रायफलमैन को इटली वापस आने की इजाजत दी जाएगी. वापसी की शर्तों को लेकर इटली और भारत के बीच सहमति बनेगी.’’
इटली की सरकार अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता को पूरा मामला सौंपने को लेकर काम कर रही है और इसी व्यवस्था में दोनों रायफलमैन मरीन को वापस लाना है. घोषित आदेश ने इसके लिए मार्ग प्रशस्त किया है.
इटली ने मार्च महीने में पीसीए न्यायाधीशों से कहा था गिरोने को रिहा करने के लिए भारत को आदेश दिया जाए और साथ ही उसने यह भी कहा था कि अगर गिरोने को रिहा नहीं किया जाता तो उसे बिना किसी आरोप के तहत चार वर्षों तक भारत में रहना पड़ सकता है जो ‘मानवाधिकार का घोर उल्लंघन होगा.’
पीसीए दोनों पक्षों की मौखिक दलीलें सुन रहा है.
गिरोने उन दो मरीन में से एक है जिन्होंने 2012 में करेल के तट के निकट दो भारतीय मछुआरों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी.
गिरोने घटना के बाद से कुछ संछिप्त राहत के अलावा भारत से आ नहीं सका है. दूसरा मरीन मासीमिलियानो लातोरे 2014 में इटली वापस आ गया था.
इतालवी विदेश मंत्रालय के अनुसार सरकार भारत के साथ तत्काल विचार-विमर्श शुरू कर देगी ताकि मध्यस्थता अदालत के फैसले पर अमल को लेकर शर्तों पर जल्द सहमति बन सके.
इटली ने मार्च महीने में पीसीए न्यायाधीशों से कहा था गिरोने को रिहा करने के लिए भारत को आदेश दिया जाए और साथ ही उसने यह भी कहा था कि अगर गिरोने को रिहा नहीं किया जाता तो उसे बिना किसी आरोप के चार वर्षों तक भारत में रहना पड़ सकता है जो ‘मानवाधिकार का घोर उल्लंघन होगा.’
पीसीए दोनों पक्षों की मौखिक दलीलें सुन रहा है.
गिरोने घटना के बाद से कुछ संक्षिप्त राहत के अलावा भारत से आ नहीं सका है. दूसरा मरीन मासीमिलियानो लातोरे 2014 में इटली वापस आ गया था.
इतालवी समाचार एजेंसी अनसा के अनुसार इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेंजी ने कहा कि वह ‘भारत के महान लोगों और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक मित्रता एवं सहयोग का संदेश भेज रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा सहयोग करने के लिए तैयार हैं.’’
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