रॉकेट प्रक्षेपण की आड में उत्तर कोरिया ने किया मिसाइल परीक्षण

Last Updated 07 Feb 2016 11:20:12 AM IST

उत्तर कोरिया ने प्रतिबंध की परवाह किए बगैर रविवार को अपने लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण कर दिया.


उत्तर कोरिया ने किया मिसाइल परीक्षण

सोल से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर कोरिया ने संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रस्‍तावों के उल्‍लंघन और अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय की अनदेखी की है जिसके दूरगामी परिणाम उसे भुगतने पड़ सकते हैं.

दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने इस संबध में जानकारी देते हुए कहा कि उपग्रह धारक रॉकेट ने प्योंगयांग समय सुबह 9 बजे के आसपास पर उड़ान भरी. उत्तर कोरिया ने अंतरराष्ट्रीय चेतावनियों को दरकिनार करते हुए लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण किया और इसे संयुक्त राष्ट्र समेत विभिन्न देशों ने रॉकेट परीक्षण की आड़ में किया गया मिसाइल परीक्षण करार दिया है, जोकि अमेरिका तक वार करने की क्षमता रखता है.

दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने इस प्रक्षेपण की पुष्टि आज सुबह आठ दिवसीय प्रक्षेपण अवधि की शुरुआत के दो घंटे बाद की. इससे पहले पिछले माह उत्तर कोरिया न हाइड्रोजन बम के परीक्षण का दावा किया था.

मौजूदा परीक्षण को वाशिंगटन और उसके सहयोगी देश एक अन्य उकसावे के रुप में लेंगे और इसके चलते संयुक्त राष्ट्र की ओर से उत्तर कोरिया पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र से जुडे राजनयिकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण के मुद्दे पर न्यू यॉर्क में आपात बैठक करेगी.

बंद कमरे में होने वाली इन वार्ताओं के लिए अनुरोध दक्षिण कोरिया और परिषद के सदस्यों जापान एवं अमेरिका की ओर से किया गया है. जापान और अमेरिका ने इस प्रक्षेपण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया है.

अमेरिका और जापान ने की निंदा

अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण को ‘अस्थिरताकारक और उकसाने वाला\' करार दिया है, वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस प्रक्षेपण की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है.

व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकाहार सुसैन राइस ने एक बयान में कहा, ‘उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रम हमारे करीबी सहयोगियों की सुरक्षा सहित हमारे हितों पर गंभीर खतरा पैदा करते हैं और व्यापक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं.\'

तोक्यो से मिली खबर के अनुसार, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रक्षेपण ‘बेहद असहनीय\' है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार विरोध के बावजूद किए गए इस प्रक्षेपण को आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘स्पष्ट उल्लंघन\' करार दिया है.



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