हिलेरी को मिले ईमेल के मुताबिक मुल्ला उमर को आईएसआई ने दी शरण

Last Updated 01 Sep 2015 08:23:15 PM IST

अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को उनके कार्यकाल में मिले एक ईमेल के अनुसार 2001 में तालिबान नेताओं के अफगानिस्तान से भागने के बाद इसके शीर्ष नेता मुल्ला उमर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने शरण दी थी.


मुल्ला उमर

खबरें हैं कि मुल्ला उमर की दो साल पहले कराची के एक अस्पताल में मौत हो चुकी है. हालांकि पाकिस्तानी अधिकारी आईएसआई और मुल्ला उमर के बीच सीधे संबंधों की खबरों को पुरजोर तरीके से खारिज करते रहे हैं.
   
अमेरिका का भी कहना है कि उसके पास इस संबंध में ऐसा कोई सबूत नहीं है. हालांकि 25 अगस्त, 2010 को हिलेरी को भेजा गया ईमेल दूसरी ओर ही इशारा करता है.
   
सिड नामक शख्स ने ईमेल में हिलेरी को लिखा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आपको इस बारे में भलीभांति जानकारी होगी कि मुल्ला उमर को आईएसआई ने कैसे बचाया. लेकिन भारत-पाक संघर्ष के एक पहलू के तौर पर अफगानिस्तान की बात करना सर्वश्रेष्ठ और महत्वपूर्ण रणनीतिक अवधारणा है.’’
   
लेखक का पूरा नाम नहीं बताया गया है और उसके पूरे ईमेल को कांट छांट कर बताया गया है.
   
यह मेल हिलेरी के निजी सर्वर पर से लिये गये ईमेलों का हिस्सा है जिन्हें विदेश विभाग ने जारी किया था.
   
इस ईमेल में की गयी टिप्पणी को न्यू स्टेट्समैन में विलियम डेलरिंपल द्वारा लिखे गये लेख ‘द मिलिट्री एंड दल मुल्ला’ में इस्तेमाल किया गया है. लेख के अनुसार पाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है कि वह अफगानिस्तान पर प्रभुत्व जमाने और भारत की अनदेखी के लिए जिहादियों को पोषित करता है.
   
लेख के अनुसार, ‘‘यह घातक गठजोड़ साबित हो रहा है.’’
   
इसके अनुसार आईएसआई ने 2001 में तालिबान के अफगानिस्तान से भागने के बाद इसके नेता को शरण दी थी.
   
इसमें लिखा है, ‘‘मुल्ला मोहम्मद उमर को क्वेटा में आईएसआई की सुरक्षित पनाह में रखा गया.’’
   
लेख के मुताबिक, ‘‘अन्य समूहों को बलूचिस्तान में सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया गया.’’



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