जर्मनी ने कहा, भारत-पाक वार्ता में कश्मीर की नहीं की जा सकती है अनदेखी

Last Updated 01 Sep 2015 10:37:15 AM IST

जर्मनी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का हिस्सा होना चाहिए. बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.


वार्ता में कश्मीर मुद्दे की अनदेखी नहीं (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता के रद्द होने के बाद इस्लामाबाद से मिली जानकारी के अनुसार जर्मन विदेश मंत्री फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में कहा, कश्मीर जैसे गहन मुद्दे हैं जिनकी बातचीत में अनदेखी नहीं की जा सकती.

जर्मनी के सांसदों के एक शिष्टमंडल का नेतृत्व करते हुए अफगानिस्तान से पाकिस्तान पहुंचे स्टेनमेयर ने कहा कि दक्षिण एशिया के इन दो पडोसी देशों के बीच बातचीत ही आगे बढने का एकमात्र रास्ता है.

जर्मन विदेश मंत्री से भारत और पाकिस्तान के बीच एनएसए स्तर की बातचीत के रद्द होने के बाद तनाव बढ़ने के बारे में सवाल पूछा गया था. दोनों देशों के बीच 23 अगस्त को एनएसए स्तर की बातचीत प्रस्तावित थी. भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीर मुद्दे पर चर्चा और अलगाववादी नेताओं के साथ मुलाकात को स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसके बाद बातचीत रद्द हुई.

जर्मन विदेश मंत्री ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करे और बिना किसी भेदभाव के उनको निशाना बनाये.

स्टेनमेयर ने कहा, दोनों पडोसी देशों अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच निकट सहयोग शांति एवं स्थिरता के लिए अनिवार्य शर्त होनी चाहिए. आतंकवाद सीमाओं पर नहीं रुकता है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कानून और मानवाधिकार के अनुसार चलनी चाहिए.

पाकिस्तान और जर्मनी के बीच निकट सहयोग के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि जर्मनी पाकिस्तान के उर्जा क्षेत्र में सक्रिय है और उसके यहां मुफ्त में शिक्षा देने वाले प्रमुख विश्वविद्यालय पाकिस्तानी छात्रों के लिए लोकप्रिय गंतव्य बने हुए हैं.

जर्मन विदेश मंत्री ने मौत की सजा के प्रावधान का विरोध किया और पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह फिर से मौत की सजा के तामील पर रोक लगाए.



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