ब्रिटेन में खंडित जनादेश के आसार, भारतीय मूल के मतदाताओं की अहम भूमिका

Last Updated 05 May 2015 08:57:33 PM IST

ब्रिटेन में आगामी सात मई को होने वाले आम चुनाव में खंडित जनादेश के आसार के बीच भारतीय मूल के मतदाताओं की अहम भूमिका हो सकती है.


डेविड कैमरन (फाइल)

  
सत्तारूढ़ गठबंधन के दोनों दल कंजरवेटिव पार्टी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी तथा विपक्षी लेबर पार्टी कांटे की टक्कर वाले इस चुनाव में मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि इस चुनाव में एक-एक वोट की निर्णायक साबित हो सकता है.
   
ब्रिटेन की 650 सदस्यीय संसद में बहुमत के लिए 326 सदस्यों की जरूरत होती है. साल 2010 में हुए पिछले आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को 307 और लेबर को 258 सीटें मिली थीं.
   
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के 57 सदस्यों की मदद से कंजरवेटिव पार्टी ने सरकार बनाई थी. उस सरकार में डेविड कैमरन प्रधानमंत्री और निक क्लेग उप प्रधानमंत्री बने थे.
   
क्लेग के नेतृत्व वाली लिबरल डेमोक्रेट का आधार इस साल काफी कम हुआ. गठबंधन को लेकर अगले कुछ दिनों में बातचीत देखने को मिल सकती है.
   
इस बार के चुनाव में कई ऐसी सीटें हैं जहां प्रवासी मतदाताओं की भूमिका को निर्णायक माना जा रहा है.
   
जिन सीटों पर प्रवासी मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है उनमें से विपक्षी लेबर पार्टी के पास 12, कंजरवेटिव पार्टी के छह और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के पास दो सीटें हैं.
   
एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक ब्रिटेन में भारतीय मूल के मतदाताओं की संख्या करीब 615,000 मानी जाती है. साल 1997 में लेबर पार्टी के समर्थन में भारतीय मूल के 77 फीसदी मतदाता थे जो 2014 में घटकर 18 फीसदी हो गया.
   
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से ताल्लुक रखने वाली विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया सोबोलेवस्का ने कहा, ‘‘जातीय अल्पसंख्यकों को मुख्य रूप से लेबर पार्टी के मतदाता के तौर पर देखा जाता है. वे दशकों से लेबर पार्टी के लिए वोट करते रहे हैं लेकिन खुद को लेबर पार्टी से जोड़ने वालों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है.’’
   
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के नेतृत्व वाली कंजरवेटिव पार्टी को पिछले चुनाव में जातीय अल्पसंख्यकों का 16 फीसदी मत मिला था. पार्टी इस तबके को अबकी बार आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रही है. उसने भारतीय मूल के 12 लोगों को उम्मीदवार बनाया है.
   
इन उम्मीदवारों में इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक शामिल हैं. अमनदीप सिंह भोगल उत्तरी आयरलैंड में चुनाव लड़ रहे हैं. वह यहां चुनाव लड़ने वाले पहले सिख हैं.
   
चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कांटे की टक्कर का अनुमान लगाया गया. समाचार पत्र ‘द सन’ और ‘यू गोव’ के सर्वेक्षण में कंजरवेटिव और लेबर दोनों 33-33 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है. यूकेआईपी को 12 फीसदी और लिबरल डेमोक्रेट को 10 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment