भूकंप कवरेज के खिलाफ प्रदर्शन के लिए ट्वीटर पर गो इंडियन मीडिया
नेपाल में भूकंप की कवरेज को लेकर भारतीय मीडिया आलोचनाओं का सामना कर रहा है.
नेपाल भूकंप: गो इंडियन मीडिया (फाइल) |
सोशल मीडिया में शिकायत की जा रही है त्रासदी के समय में यह भारत सरकार का प्रचार करने का काम कर रहा है.
पिछले महीने के विनाशकारी भूकंप के बाद नेपाल के उबरने के बीच कुछ लोगों ने भारतीय मीडिया के लगातार और सक्रिय कवरेज में खामियां खोज डाली है. इस आपदा में सात हजार से अधिक लोग मारे गए हैं जबकि 14,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
रविवार शाम तक ‘गो इंडियन मीडिया’ (भारतीय मीडिया वापस जाओ) नेपाल में शीर्ष ट्रेंडिंग हैशटैग बना हुआ था. इस विषय पर 60,000 से अधिक ट्वीट थे.
नेपाल में दुखी लोगों ने 80 साल में देश में आए सबसे भीषण भूकंप की भारतीय मीडिया की ‘असंवेदनशील’ रिपोर्टिंग पर अपनी शिकायत करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
दुर्भाग्य से यह आलोचना रविवार को वर्ल्ड प्रेस डे के मौके पर हुई है.
Thank you #IndianGovernment for your kind help, but we are fed up of Indian Media, #GoHomeIndianMedia
— थापा दाई (@notonlyraj) May 3, 2015
साथ ही, सोशल मीडिया में नकारात्मक प्रतिक्रियाओं पर आलोचनात्मक जवाब दिए जा रहे हैं जैसे कि इस टिप्पणी में कहा गया है. भारतीय मीडिया का कवरेज नेपाल त्रासदी की तस्वीर विश्व को दिखाने और वैश्विक प्रतिक्रिया जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर जिम्मेदार है.
बचाव के काम में मदद के लिए ये लोग आभार तो जता रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया पर मीडिया के उस धड़े की जमकर खिंचाई हो रही है जो इस त्रासदी के बहाने सरकार का प्रचार कर रहे हैं.
एक ट्वीट में कहा गया है, ‘‘संकट की घड़ी में मीडिया ने श्रेय लेने के लिए और सस्ती लोकप्रियता के लिए गरीब नेपाल को अपमानित किया.’’
सीएनएन पर प्रकाशित एक ब्लॉग में नेपाली मूल की सुनीता शाक्य ने लिखा है, ‘‘आपका मीडिया और आपके मीडियाकर्मी इस तरह से बर्ताव कर रहे हैं जैसे कि वे किसी के पारिवारिक धारावाहिक की शूटिंग कर रहे हों.’’
उन्होंने ऐसे दो तीन उदाहरण भी बताएं जहां उन्होंने कहा कि रिपोर्टर ने जरूरतमंद घायल व्यक्ति की मदद के लिए पर्याप्त काम नहीं किया.
This is why.. #GoHomeIndianMedia pic.twitter.com/uxQzj5d0U4
— बुढो मान्छे !! (@karkidlip) May 3, 2015
सुनीता ने कहा, ‘‘उन ढेरों रिपोर्टरों का शुक्रिया जो भारत के बचाव विमानों से नेपाल आए, आपने वह सीट ली, जहां किसी पीड़ित को अस्पातल या स्वास्थ्य शिविरों में पहुंचाया जा सकता था. आप सभी रिपोर्टरों का शुक्रिया, आपने एक सीट ली जहां खाने के सामान का एक थैला और बुरी तरह से प्रभावित स्थानों के लिए रसद रखी जा सकती थी.’’
प्रख्यात पत्रकार कुंडा दीक्षित के हवाले से बताया गया कि कुछ नेपालियों को लगता है कि भारतीय मीडिया अपने रूख में कुछ देशभक्त हैं और शायद इसलिए ऐसी भावनाएं जाहिर हुई. इसी तरह से नेपाली मीडिया का एक धड़ा भी सोच रहा है.
By now you should have had a world class journalist. But indian journalism is in regressive phase. #GoHomeIndianMedia
— GoHomeIndianMedia (@sapkotasurendra) May 3, 2015
ट्वीटर पर मौजूद लोगों ने भारतीय मीडिया पर जीवित बचे लोगों के लिए असंवदेनशील होने का आरोप लगाया, जिसने ‘‘आप कैसा महसूस कर रहे हैं?’’ जैसे सवाल पूछे और फौरन चिकित्सीय सहायता की जरूरत वाले लोगों को मदद नहीं दी.
शाक्या ने पूछा, ‘‘यदि आप मीडियाकर्मी ऐसी जगह पर पहुंचते हैं जहां राहत सामग्री नहीं पहुंची है तो संकट की ऐसी घड़ी में क्या वे प्राथमिक उपचार किट या कुछ खाने की चीजें अपने साथ नहीं ले जा सकते.’’
एक ट्वीट में कहा गया है कि डियर नरेन्द्र भाई मोदी हमारा धरहरा भले ही ढह गया हो पर हमारी संप्रभुता नहीं ढही है..‘गो होम इंडियन मीडिया’.
एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि मिस्टर नरेन्द्रभाई मोदी कृपया अपने मीडिया को वापस बुलाइए. वे हमे सिर्फ और चोट पहुंचा रहे हैं.
एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि इवेंट प्रबंधन की पराकाष्ठा है. मीडिया की चमचागिरि शर्मनाक है.
#GoHomeIndianMedia They learn to draw a line between reporting a news and sensationalising a news, but they are like tail of dog....Hmmm :(
— Jassi (@Fukra_no1) May 3, 2015
एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, ‘‘गो होम इंडियन मीडिया. इसका भारत सरकार से कोई लेना देना नहीं है. भारत सरकार सबसे पहले नेपाल पहुंची थी.’’
प्रख्यात पत्रकार अजय भद्र खनाल के हवाले से बताया गया है कि भारतीय मीडिया की आक्रामक उपस्थिति और जिस तरह से यह बचाव एवं राहत कोशिशों में सिर्फ अपने सरकार की पीठ थपथपा रही है, उसने भारत सरकार के बारे में नेपालियों के बीच पूर्वधारणा को प्रभावित किया है.
Indian media persons misbehaved Nepali police officers at Pokhara Airport. That is why #GoHomeIndianMedia pic.twitter.com/xd847kyyAu
— MahaAnanda Timalsina (@MahaAnanda) May 3, 2015
Today is World press day and the trend in TL is #GoHomeIndianMedia with 138K tweets.
— Sudhamshu K.C. (@Drsudhamshu) May 3, 2015
I have no idea how we tolerate our media A country like Nepal could not stand them for6 days,inspite of #NepalEarthquake #GoHomeIndianMedia
— Navjot Singh Sidhu (@imsujitagrawal) May 3, 2015
#GoHomeIndianMedia . That it comes from Nepal tells a tale of morality. Of Modi Sarkar making political capital out of human tragedy.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) May 3, 2015
Oops, see what's trending in Nepal, #GoHomeIndianMedia Anger at "patriotic" channels forgetting Nep not Indian state pic.twitter.com/khfLJ5IFik
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) May 3, 2015
We don't need you here in Nepal. If you cant actually help us. Dont widespread agenda and spoil our country. :( #GoHomeIndianMedia
— Samir Gautam (@cool_sam19) May 3, 2015
#Media shows that India is the only country to help Nepal. But Couldn't find India even in Top 14! #GoHomeIndianMedia pic.twitter.com/f38b4t6RYW
— Angry Kejriwal (@Tweet_TAN_ic) May 3, 2015
Funded by Paki, Chinese & Xian, #GoHomeIndianMedia is targeted to Indian Armed Forces for helping people in NEPAL
— #GauravPradhan (@DrGPradhan) May 3, 2015
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