न्यूयार्क सिटी को मिली भारत में जन्मी पहली महिला न्यायाधीश

Last Updated 28 Apr 2015 02:29:50 PM IST

राजा राजेश्वरी न्यूयार्क सिटी की ऐसी महिला न्यायाधीश बन गई हैं, जिनका जन्म भारत में हुआ है.


राजा राजेश्वरी (फाइल)

उन्हें मेयर बिल डी ब्लासियो ने आपराधिक अदालत की न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई है.
  
राजेश्वरी (43) किशोरावस्था में ही अमेरिका आ गई थीं. न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करने से पहले वह रिचमंड काउंटी डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में काम कर चुकी हैं. अपने पूरे करियर के दौरान वह आपराधिक अदालत, नारकोटिक्स, उच्चतम न्यायालय में और यौन अपराध पीड़ितों के विशेष ब्यूरो में उपप्रमुख के रूप में काम कर चुकी हैं.
  
राजेश्वरी ने सोमवार को एक समारोह के दौरान 27 अन्य न्यायाधीशों के साथ अपने पद की शपथ ली. इन न्यायाधीशों को इस माह की शुरूआत में पारिवारिक अदालत, आपराधिक अदालत और दीवानी अदालत में नियुक्त किया गया था. ये सभी अदालतें न्यूयार्क राज्य की एकीकृत अदालती व्यवस्था का हिस्सा हैं.
  
मेयर ने शहर के भीतर मौजूद न्यूयार्क सिटी आपराधिक अदालत और पारिवारिक अदालत के लिए न्यायाधीशों को 10-10 साल के लिए नियुक्त किया.
  
मेयर ने कहा कि राजेश्वरी में ‘‘दूसरों के लिए असाधारण संवेदना है.’’
  
उन्होंने राजेश्वरी की भारतीय, मध्यपूर्वी और दक्षिणपूर्वी एशियाई भाषाएं बोलने की योग्यता की सराहना की. वह स्टेटन आइलैंड में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के रूप में काम कर चुकी हैं.
  
डी ब्लेसियो ने कहा, ‘‘उन्होंने प्रवासियों में न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास जगाने को अपने मिशन के तौर पर देखा.’’
  
इस सप्ताह की शुरूआत में एक रिपोर्ट में राजेश्वरी ने कहा था कि वह अपनी नियुक्ति से ‘‘सम्मानित और आभारी’’ महसूस कर रही हैं.
  
मीडिया में आई एक खबर में उनके हवाले से कहा गया था, ‘‘यह एक सपने जैसा है. यह मेरी कल्पना से परे है.’’
  
राजेश्वरी ने कहा था, ‘‘मैंने मेयर को बताया कि यह सिर्फ मेरा अमेरिकी सपना नहीं है, यह दिखाता है कि किसी सुदूर देश की लड़की के लिए भी यह संभव है.’’
  
राजेश्वरी पिछले 16 साल से डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं और चार साल से भी ज्यादा समय तक ‘स्पेशल विक्टिम यूनिट’ की उपप्रमुख रह चुकी हैं.
  
उन्होंने महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों पर काम किया है. उन्होंने कहा कि ये मामले उनके दिल को सबसे ज्यादा छूते हैं.
  
राजेश्वरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अपने इस नए पद का इस्तेमाल प्रवासियों की मदद के लिए दुभाषियों को प्रोत्साहित करके न्यायिक व्यवस्था सुधारने में करेंगी.
  
उन्होंने कहा, ‘‘मैं शहर की न्याय पीठ पर बैठकर सम्मानित महसूस कर रही हूं.’’



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