सिरिसेना ने संविधान में प्रमुख संशोधन का विधेयक पेश किया
श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने संविधान में एक प्रमुख संशोधन से जुड़ा विधेयक संसद में पेश किया.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना (फाइल) |
संशोधन में राष्ट्रपति की शक्ति को कम करने, कार्यकाल को दो बार तक के लिए सीमित करने तथा न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के प्रावधान शामिल हैं.
बीते सप्ताह पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के समर्थकों की ओर से गतिरोध पैदा किए जाने के बाद 19ए संशोधन विधेयक पेश किया गया. करीब एक दशक तक राष्ट्रपति रहते हुए राजपक्षे ने बहुत सारी शक्तियों को अपने पास सीमित कर लिया था.
राजपक्षे ने साल 2010 में अपनी जीत के बाद राष्ट्रपति के दो बार के कार्यकाल की सीमा को हटा दिया था.
सिरिसेना ने सांसदों से संशोधन विधेयक को पारित कराने की अपील करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रपति की शक्तियों में कमी करना मेरी हमेशा से इच्छा रही है. आप सभी सहमत होंगे कि मैं बहुत उदार रहा हूं.’’
सिरिसेना के नेतृत्व वाले गठबंधन ने चुनाव के समय राष्ट्रपति की शक्ति को कम करके संसद को अधिक शक्तिशाली बनाने का वादा किया था. बीते आठ अप्रैल को राष्ट्रपति चुनाव में सिरिसेना ने राजपक्षे को पराजित किया था.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने संशोधन से जुड़े विधेयक को पेश किए जाने को ऐतिहासिक अवसर करार दिया.
इस विधेयक पर मंगलवार को मतदान होगा. यह देखना होगा कि राजपक्षे के समर्थक इस विधेयक को पारित कराने में मदद करते हैं या नहीं. 225 सदस्यीय सदन में इस संशोधन को मंजूरी देने के लिए 150 सदस्यों का समर्थन चाहिए.
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