नेपाल भूकंप: अब तक 3725 की मौत, काठमांडू से भाग रहे हैं लोग

Last Updated 27 Apr 2015 04:08:29 PM IST

भूकंप प्रभावित नेपाल में बचाव कर्मियों ने सोमवार को घरों और इमारतों के टनों मलबे में फंसे जीवित लोगों का पता लगाने के लिए अभियान तेज कर दिया है.


नेपाल में अब तक 3725 की मौत

और बचाव दल दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में पहुंचने लगे हैं. हिमालय की तराई में बसे नेपाल में 81 वर्ष बाद शनिवार को आये इस विनाशकारी भूकंप के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3725 हो गयी है और छह हजार से अधिक लोग घायल हैं. इस बीच युद्ध स्तर पर चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में बारिश और मौसम खराब होने के कारण काफी मुश्किलें आ रही हैं.

नेपाली पुलिस प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मलबे हटाये जाने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जतायी है. खाद्य और पेयजल के लिए लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं और दवाइयों एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं.

रविवार को भी भूकंप के झटके लगने से घर-बार छोड़कर खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर लोगों के लिये बारिश ने और मुश्किलें पैदा कर दी हैं. बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य में भी बाधा आ रही है और मलबा हटाने में भी दिक्कतें आ रही हैं.

भारतीय मौसम विभाग ने नेपाल में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश का अनुमान जताया है. विभाग ने बताया कि देश के लगभग सभी हिस्सों में हल्की अथवा तेज बारिश होगी. राजधानी काठमांडू और पूर्वी क्षेत्रों में भारी बारिश होने का अनुमान है.

इस बीच, भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राहत और बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों में से अब तक 2500 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है और सरकार वहां फंसे अन्य देशों के नागरिकों को तत्काल वीजा देकर उन्हें भी लाने का प्रबंध कर रही है.

उन्होंने कहा कि नेपाल में राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक राष्ट्रीय आपदा कार्य बल (एनडीआरएफ) की दस टीमें भेजी जा चुकी है, छह टीमें और भेजी जा रही है. भारतीय बचाव दल ने वहां अब तक मलबे से दस लोगों को जीवित निकाला है. उन्होंने कहा कि वहां अब तक 50 टन खाद्य सामग्री, 50 टन पानी, 1400 कम्बल, 40 तम्बू, और चिकित्सा दल के साथ दो टन दवाएं भेजी जा चुकी है और यह सिलसिला जारी है.

गृहमंत्री ने कहा कि इसके अलावा वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक मानव रहित विमान भी भेजा गया है. उन्होंने बताया कि नेपाल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक एनडीआरएफ की टीम ने इमारतों के मलबे से 10 लोगों को जीवित निकाला है और 46 शव निकाले हैं.

सिंह ने बताया कि भूकंप से भारत में कुल 72 लोग मारे गये, जिनमें से सर्वाधिक 56 की मौत बिहार में हुई है.

समय बीतने के साथ भूकंप की विनाशलीला की चपेट में आने वालों की संख्या बढ़ रही है और अस्पताल में जगह नहीं होने से गंभीर से घायलों का इलाज डॉक्टर टेंटों में कर रहे हैं.

चारों तरफ बदहवासी का आलम है. आंशिक रूप से घायल डरे-सहमे लोग इलाज और भर पेट भोजन के लिए खुले मैदानों राहत और बचाव कर्मियों की बाट जोह रहे हैं. सरकार ने लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए संसद परिसर को खोल दिया है.

पिछले तीन दिन से भूकंप के लगातार आ रहे झटकों से भयभीत लोग काठमांडू से पलायन कर रहे हैं. शहर से बाहर जाने वाली सभी सड़कों पर जाम लग गया है. लोग बसों, कारों, ट्रकों और परिवहन के अन्य साधनों से यहां से निकलने का प्रयास कर रहे हैं.

नेपाल की सहायता के लिए भारत, अमेरिका़, चीन और इजरायल आदि देश टीमें रवाना कर चुके हैं. भारतीय सेना ने नेपाल में अपने राहत और बचाव अभियान का नाम 'ऑपरेशन मैत्री' दिया है.



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