नेपाल में 7.9 तीव्रता का भूकंप, करीब 2500 लोगों की मौत
नेपाल में 7.9 तीव्रता के भूकंप से करीब 2500 लोगों की मौत हो गई और एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल धरहरा मीनार सहित कई प्रमुख इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयीं.
नेपाल में भूकंप |
नेपाल के वित्त मंत्री राम शरण महत ने ट्वीट किया कि सेना को अभी तक 1457 लोगों के मरने की आशंका है.
यह बीते 80 वर्षों का सबसे भयावह भूकंप था.
भूकंप का केंद्र काठमांडो से उत्तर पश्चिम में करीब 80 किलोमीटर दूर लामजुंग में था और बिहार तथा पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के कई शहरों में भी इसका असर महसूस किया गया. चीन के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी भूकंप महसूस किया गया.
भूकंप की तीव्रता 7.9 आंकी गयी और इसके बाद 4.5 अथवा इससे अधिक तीव्रता के कम से कम 16 झटके महसूस किए गए.
भूकंप में करीब 1500 लोगों की मौत हो गई जिनमें 250 से अधिक लोगों की मौत काठमांडो में हुई है.
Nepal Army estimates death toll as much as 1457 so far. 1055 injured.
— Ram Sharan Mahat (@ramsmahat) April 25, 2015
नेपाली गृह मंत्रालय के अनुसार भक्तपुर में 150, ललितपुर में 67 और धदिंग जिले में 37 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा देश के पूर्वी हिस्से में 20 लोग, पश्चिमी क्षेत्र में 33 लोगों की मौत हुई.
नेपाल में कई मंदिर ध्वस्त हो लेकिन चमत्कारिक ढंग से पांचवीं सदी के पशुपतिनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
काठमांडो घाटी की अधिकांश इमारतें ध्वस्त हो गईं जिनमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. दो सौ साल पुरानी धरहरा मीनार के मलबे से कम से कम 180 शवों को निकाला गया है.
नेपाल में सामने आई वीडियो फुटेज में कई इमारतों को ढहते हुए दिखाया गया है और कई इमारतों में दरारे आ गई हैं. भूकंप के कारण सड़कों पर बड़े गड्ढे हो गए हैं.
नेपाल-भारत सीमा पर 8.4 की तीव्रता का भूकंप आया था.
भूकंप के कारण यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शुमार काठमांडो का दरबार चौक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता कमल सिंह बान ने बताया कि सबसे पहले दिन में 11 बजकर 56 मिनट पर भूकंप आया और इसके कई झटके महसूस किए गए.
सेना, पुलिस और आपात सेवा के जवान मलबे में फंसे लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे हुए हैं.
भारतीय दूतावास के प्रवक्ता अभय कुमार ने बताया कि भूकंप की वजह से कुछ दीवारें ध्वस्त हो गयी और दूतावास ने दो हेल्पलाइन शुरू की है. पहला हेल्पलाइन नंबर 977 98551107021 और दूसरा नंबर 977 9851135141 है.
आपात चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए भारत से 50 चिकित्सक पहुंच गए हैं.
काठमांडो में भारतीय दूतावास परिसर में स्थित एक मकान के ढहने से दूतावास के एक कर्मचारी की बेटी की मौत हो गई तथा उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए.
भारत के करीब 125 लोग नेपाल में फंसे हुए हैं. नासिक के करीब 80 लोग धार्मिक यात्रा पर गए थे और 15-20 लोग ट्रैकिंग के लिए गए थे. हैदराबाद के 25 पर्यटक नेपाल पहुंचे हैं जो सुरक्षित हैं.
नेपाल के अस्पताल भूकंप में घायल हुए लोगों से भरे पड़े हैं. बहुत सारे घायलों का उपचार अस्पतालों के बाहर खुले में किया जा रहा है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि कैबिनेट की आपात बैठक में भूकंप से प्रभावित 29 जिलों को संकटग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है.
भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हुआ जिसके कारण पर्वतारोहियों को बचने के सुरक्षित स्थान की ओर भागना पड़ा.
पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी ज्ञानेंद्र श्रेष्ठ ने कहा कि हिमस्खलन के कारण विदेशी पर्वतारोहियों सहित 10 लोगों की मौत हो गई.
नेपाल के एक मंत्री ने बताया कि भूकंप के केंद्र के पास जबरदस्त नुकसान हुआ है.
सूचना मंत्री मिनेंद्र रिजल ने बताया, ‘‘हमें विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से सहयोग की जरूरत है जिन्हें ज्यादा जानकारी है और जो इस तरह की आपात स्थिति से निपट सकती है.’’
शुरूआत में भूकंप की तीव्रता 7.5 आंकी गयी बाद में इसकी तीव्रता 7.9 बतायी गयी और इसकी गहराई 15 किलोमीटर नीचे थी.
नेशनल रेडियो ने लोगों को बाहर रहने को कहा है क्योंकि अभी कई झटके आने की आशंका है. त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है.
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