भूकंप से थर्राया नेपाल, 900 से ज्यादा की मौत
नेपाल में 7.9 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से करीब 900 लोगों की मौत हो गयी और एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल सदियों पुरानी धरहरा मीनार सहित कई प्रमुख इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयीं.
नेपाल में भूकंप |
नेपाल में सबसे अधिक लोगों की मौत काठमांडू घाटी में हुई है. नेपाली पुलिस के हवाले से प्राप्त खबर के अनुसार भूकंप से अब तक कम से कम 876 लोग मारे गये है. इस प्राकृतिक आपदा के तुरन्त बाद तेजी से राहत एवं बचाव का अभियान शुरू कर दिया गया.
भूकंप का केंद्र काठमांडो से उत्तर पश्चिम में करीब 80 किलोमीटर दूर लामजुंग में था और बिहार तथा पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के कई शहरों में भी इसका असर महसूस किया गया. चीन के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी भूकंप महसूस किया गया.
सीमावर्ती बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई.
भूकंप के कारण नेपाल स्थित भारतीय दूतावास का एक हिस्सा गिर गया और इसमें दूतावास के एक कर्मचारी की लड़की की मौत हो गई.
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने कहा है कि भूकंप की तीव्रता 7.9 आंकी गयी और इसके बाद 4.5 अथवा इससे अधिक तीव्रता के कम से कम 16 झटके महसूस किए गए.
नेपाली गृह मंत्रालय के अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद ढकल ने बताया कि भूकंप से 686 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हुए हैं.
इससे पहले नेपाली अधिकारियों ने कहा था कि मरने वालों संख्या 500 से 600 के बीच है. राहत एवं बचाव अभियान के बाद जानमाल के नुकसान की सही तस्वीर सामने आ सकेगी.
ढकल ने कहा कि पांचवीं सदी के सुप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर को नुकसान के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
नेपाल पुलिस के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कमल सिंह बाम ने बताया कि रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप के कारण कम से कम 700 व्यक्ति मारे गए हैं, जिसमें ज्यादातर काठमांडू घाटी के हैं. मृतकों की संख्या 1000 के पार पहुंचने की आशंका जताई गई है.
भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन की घटना हुई. नेपाल के एक पर्यटन अधिकारी ने बताया कि नेपाल एवरेस्ट के आधार शिविर का कुछ हिस्सा उसमें दफन हो गया.
इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से फोन पर बातचीत की और उन्हें दुख की इस घड़ी में हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया.
Spoke to PM Sushil Koirala, who is in transit in Bangkok on his way to Kathmandu. Assured all support & assistance during this tough time.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2015
मोदी ने राष्ट्रीय आपदा कार्य बल (एनडीआरएफ) के जवानों और चिकित्सकों को नेपाल की सहायता के लिए भेजा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने दिया फौरन राहत और बचाव टीमें भेजने का निर्देश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के भूकंप प्रभावित इलाकों और नेपाल के लिए राहत एवं बचाव टीमें फौरन भेजने का निर्देश दिया.
उन्होंने इस पड़ोसी देश में फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए उपयुक्त इंतजाम करने का भी आदेश दिया.
उन्होंने भूकंप से पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसके बाद यह निर्देश आया.
बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शरीक हुए.
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री को भारत में विभिन्न स्थानों पर और नेपाल में हुई जान माल की क्षति से अवगत कराया गया.
उन्होंने निर्देश दिया कि नेपाल के लिए और भारत के प्रभावित इलाकों के लिए मेडिकल टीम सहित राहत एवं बचाव टीमें फौरन रवाना की जाएं.
बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को फंसे हुए पर्यटकों को निकालने में सहायता के लिए भी उपयुक्त इंतजाम करने को कहा.
उन्हें बताया गया कि एनडीआरएफ की प्रथम टीम के शनिवार को ही काठमांडो पहुंच जाने की उम्मीद है.
विभिन्न समाचार माध्यमों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भूकंप के कारण अनेक पुरानी इमारतें ढह गई हैं, कुछ मकानों की दीवारें ढह गई हैं, जहां-तहां मलबों का ढेर लग गया है, सड़कों में दरारें आ गई हैं, पूरे इलाके में धूल के गर्द एवं गुब्बार आसमान में उठते दिखाई दे रहे हैं. लोग सड़कों पर खड़े नजर आ रहे हैं.
काठमांडू में उन्नीसवीं सदी में निर्मित एक ऐतिहासिक मीनार के ढह जाने और उसमें 50 से अधिक लोगों के फंसे होने की खबर है. ‘धरहरा टावर’ को 1832 में बनाया गया था, जिसे भीमसेन टावर भी कहा जाता है. लगभग 63 मीटर ऊंची मीनार को पिछले 10 साल से दर्शकों के लिए खोल दिया गया था. इसकी आठवीं मंजिल स्थित बालकोनी से लोग आसपास का दृश्य देखते थे.
अस्पतालों में अफरातफरी का माहौल नजर आया, घायलों को गोद में और कंधों पर उठाये लोगों को बदहवाश भागते देखा गया. कुछ घायलों का इलाज सड़क पर ही किया जा रहा है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने फोन पर बताया, स्थिति भयावह है, चारों ओर लोगों के कराहने और चिल्लाने की आवाजें सुनाई दे रही हैं.
भूकंप को लेकर सामने आई तस्वीरों में इसके असर को साफतौर पर देखा जा सकता है. स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 41 मिनट पर भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया. इसके बाद भूकंप के अन्य झटके आए. भूकंप से कुछ मंदिर भी प्रभावित हुए हैं और बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की जानकारी सामने आई है.
भूकंप का कहर नेपाल के सीमावर्ती राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी महसूस किया गया.
विभिन्न सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन तीन राज्यों में कुल 36 व्यक्तियों की मौत हुई है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छह लोगों की मृत्यु हुई है और 30 घायल हुए हैं, जबिक बिहार में मलबे में दबकर 25 के मरने तथा 70 के घायल होने की खबर है.
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि मृतकों में पूर्वी चम्पारण और सीतामढ़ी के चार-चार, दरभंगा के दो, शिवहर, अररिया, सुपौल और सहरसा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं.
इन राज्यों के अलावा जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, असम और छत्तीसगढ़ में भी भूकम्प के झटके महसूस किये गए. हालांकि यहां से फिलहाल किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
काठमांडो के लिए उड़ानें स्थगित
सभी एयरलाइनों-राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया और निजी वाहक इंडिगो एवं स्पाइसजेट ने नेपाल विमानन प्राधिकरण से अगली अनुमति मिलने तक वहां के लिए अपनी उड़ान सेवाएं स्थगित कर दी हैं.
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम काठमांडो के लिए तीन उड़ानें संचालित करते हैं. सुबह की उड़ान तो निर्धारित कार्यक्रम पर रवाना हुई लेकिन दो अन्य सेवाएं एक दिल्ली से और दूसरी कोलकाता से फिलहाल रोक दी गयीं हैं. हम काठमांडो के विमानन प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद उन्हें संचालित करेंगे.’’
सस्ती विमान सेवाएं देने वाली कंपनियों- स्पाइसजेट और इंडिगो ने भी नेपाल सरकार से अनुमति मिलने तक के लिए अपनी सेवाएं संचालित नहीं करने का निर्णय लिया है.
स्पाइसजेट के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘फिलहाल, हम रनवे बंद होने के कारण नेपाल के लिए (अपनी सेवाएं) संचालित नहीं कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने राहत सामग्री मुफ्त में पहुंचाने के लिए गैर सरकारी संगठनों एवं अन्य एजेंसियों के लिए मालवाहक विमान की पेशकश की है.’’
इंडिगो ने कहा कि उसने भी दिल्ली काठमांडो उड़ान स्थगित कर दी है.
नेपाल में करीब 125 भारतीय फंसे
नेपाल में उच्च तीव्रता का भूकंप का झटका आने के बाद महाराष्ट्र और तेलंगाना के करीब 125 लोग इस हिमालयी देश में फंसे हुए हैं.
दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सूचना केंद्र के अधिकारियों के अनुसार नासिक से करीब 80 लोग तीर्थयात्रा के लिए नेपाल गए थे जबकि 15-20 लोग ट्रैकिंग अभियान पर थे.
महाराष्ट्र सूचना केंद्र के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें राज्य के लोगों की कॉल आ रही हैं लेकिन हम उनसे सम्पर्क नहीं बना पा रहे हैं. नासिक के करीब 80 लोग तीर्थयात्रा के लिए गए थे जबकि बाकी ट्रैकिंग के लिए गए थे.’’
इस बीच हैदराबाद से करीब 25 पर्यटक काठमांडो में हैं और वे सुरक्षित हैं.
पर्यटकों को ले जाने वाले टूर ऑपरेटर गौरीशंकर ने बताया कि उनके समूह के सदस्य सुरक्षित हैं और वे पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित एक खुले मैदान में आ गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने होटल की चौथी मंजिल पर स्थित बाथरूम में था तभी मुझे झटके महसूस हुए. मैंने तत्काल एक चादर ली और नीचे भागा. अब हम सभी काठमांडो में पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित एक खुले मैदान में हैं और सुरक्षित हैं.’’
गौरीशंकर ने कहा कि वे ‘‘भाग्यशाली’’ थे कि उनके होटल को कुछ भी नुकसान नहीं हुआ जबकि क्षेत्र की कुछ इमारतें धराशायी हो गई.
हैदराबाद का समूह 17 अप्रैल को हैदराबाद से रवाना हुआ था और उसे वाराणसी में ठहरते हुए हैदराबाद लौटना है.
भारतीय दूतावास को नुकसान
भारतीय दूतावास के प्रवक्ता अभय कुमार ने बताया कि भूकंप की वजह से कुछ दीवारें ध्वस्त हो गयी और दूतावास ने दो हेल्पलाइन शुरू की है. पहला हेल्पलाइन नंबर 977 98551107021 और दूसरा नंबर 977 9851135141 है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने देखा कि भूकंप से कई पुरानी दीवारें गिर गयी. भूकंप के बाद भी कई झटके आते रहे. लोग अब भी घरों से बाहर हैं"
नेपाल के कांतिपुर टीवी ने दिखाया गया कि भूकंप के बाद 21 शवों को एक जगह पर रखा गया. मुख्य सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि भूकंप के बाद से 36 शवों को लाया गया है. टेलीविजन फुटेजों में दिखा है कि घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया.
नेपाल के एक मंत्री ने बताया कि भूकंप के केंद्र के पास जबरदस्त नुकसान हुआ है.
सूचना मंत्री मिनेंद्र रिजल ने बताया, ‘‘हमें विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से सहयोग की जरूरत है जिन्हें ज्यादा जानकारी है और जो इस तरह की आपात स्थिति से निपट सकती है.’’
शुरूआत में भूकंप की तीव्रता 7.5 आंकी गयी बाद में इसकी तीव्रता 7.9 बतायी गयी और इसकी गहराई 15 किलोमीटर नीचे थी.
नेशनल रेडियो ने लोगों को बाहर रहने को कहा है क्योंकि अभी कई झटका आने की आशंका है.
Today's Earthquake has made us all very sad. Reports are still coming on the extent of the damage: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 25, 2015
Nepal's pain is our pain: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 25, 2015
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