पाक ने की भारत से विदेश सचिव स्तर की बातचीत बहाल करने की मांग

Last Updated 19 Apr 2015 09:00:45 PM IST

पाकिस्तान ने भारत से सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए विदेश सचिव स्तर की बातचीत बहाल करने की मांग की है.


नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज (फाइल)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, ‘‘हालांकि भारतीय विदेश सचिव इस साल तीन मार्च को पाकिस्तान आए थे, लेकिन यह एक ‘सदभावना दौरा’ था. औपचारिक वार्ता बहाल होनी बाकी है.’’
   
अजीज ने यह टिप्पणी शनिवार शाम लाहौर फोर्ट में आयोजित ‘मुस्लिम-सिख दोस्ती की तर्जमन- बैसाखी’ नाम की एक संगोष्ठी में की.
   
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान क्षेत्र में शांति चाहता है और भारत के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत शुरू करने की इच्छा रखता है. शांति होगी तो हम क्षेत्र में गरीबी, निरक्षरता और अन्याय की समस्या का खात्मा कर सकते हैं.’’
   
अजीज ने भारत से वार्ता की प्रक्रिया बहाल करने की अपील करते हुए कहा कि दोनों देश के प्रधानमंत्रियों- शरीफ और नरेन्द्र मोदी- के बीच पिछले साल बैठक के दौरान इसपर सहमति बनी थी.
   
उन्होंने विदेश सचिव स्तर की बातचीत बहाल करने में भारत की ओर से की जा ही ‘अत्यधिक देरी’ पर हैरानी जतायी.
   
अजीज ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 2013 के आम चुनाव के बाद भारत समेत पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों के विकास के माध्यम से देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के एक रोडमैप की घोषणा की थी. इस नीति के तहत शरीफ भारत गए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.’’
   
27 मार्च, 2014 को अपनी मुलाकात में दोनों देश के प्रधानमंत्री विदेश सचिव स्तर की बातचीत बहाल करने पर सहमत हुए थे.
   
उन्होंने कहा, ‘‘और इसके बाद 25 अगस्त को भारत ने हमारे पास संदेश भेजा कि वह इसे लेकर अपने विदेश सचिव को इस्लामाबाद भेज रहा है.’’
   
अजीज ने कहा कि जब विदेश सचिव एस जयशंकर इस्लामाबाद आए तो वह दक्षेस देशों की सद्भावना यात्रा पर थे और मार्च के उनके दौरे में उन्होंने केवल दक्षेस से जुड़े विषयों पर चर्चा की थी.
   
भारत ने पिछले साल नयी दिल्ली में दोनो देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तानी उच्चायुक्त द्वारा कश्मीरी अलगाववादियों से विचार विमर्श करने की वजह से यह बातचीत रद्द कर दी थी.
   
विदेश सचिव स्तर की बातचीत के अगले दौर के लिए कोई तारीख तय नहीं की गयी है.
   
बैसाखी के जश्न में शामिल होने के लिए यहां 1,700 से अधिक भारतीय सिख आए हुए हैं.
   
अजीज ने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार की कोशिशों के बारे में भी बात की.
   
उन्होंने कहा, ‘‘अब हर सिख या हिन्दू अच्छी तरह जानता है कि पाकिस्तान उनके लिए काफी कुछ कर रहा है. और मैं कहूंगा कि बैसाखी सिखों और मुसलमानों के बीच एक अंतहीन दोस्ती का प्रतीक है.’’



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