चीनी राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात होगी पाकिस्तानी सेना

Last Updated 19 Apr 2015 06:06:13 PM IST

पाकिस्तान सरकार ने देश की पहली यात्रा पर आ रहे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अभूतपूर्व सुरक्षा घेरा मुहैया कराने का फैसला किया है.


चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (पाइल)

शी की यात्रा संपन्न होने तक उनकी समूची सुरक्षा व्यवस्था सेना के हाथों में रहेगी.
   
एक अधिकारी ने बताया कि शी को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एक समग्र सुरक्षा योजना तैयार की गई है.
   
चीनी राष्ट्रपति ने पिछले वर्ष सितंबर में सुरक्षा चिंताओं के चलते अपनी पाकिस्तान यात्रा स्थगित कर दी थी.
   
पाकिस्तानी वायु सेना में शी के विमान के प्रवेश के साथ ही इसकी सुरक्षा आठ जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान करेंगे.
   
अधिकारी ने कहा, ‘‘समूची सुरक्षा व्यवस्था सेना और इसकी खुफिया एजेंसियों के हाथों में है जो महत्वपूर्ण इमारतों और कार्यालयों वाले रेड जोन को नियंत्रित करेंगी.’’
   
रेड जोन की बाहरी परिधि में पुलिस तैनात होगी जो क्षेत्र की घेराबंदी करेगी.
   
पुलिस महानिरीक्षक (इस्लामाबाद) ताहिर आलम खान ने सभी क्षेत्राधिकारियों और थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त तेज करने के निर्देश दिए हैं.
   
शी की यात्रा के दौरान पाकिस्तान को 50 अरब डॉलर के व्यापार एवं निवेश सौदों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इसमें ड्रीम बिजनेस कॉरिडोर भी शामिल है, जिससे कि चीन को खाड़ी, अफ्रीका और यूरोप के लिए लघुतम मार्ग मिल सके.
   
विदेश कार्यालय ने कहा कि शी राष्ट्रपति ममनून हुसैन से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे. वह सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से भी मिलेंगे और संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे.
   
राष्ट्रपति शी को एक विशेष समारोह में पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान ए पाकिस्तान’ से सम्मानित किया जाएगा.
   
विदेश कार्यालय ने ब्यौरा दिए बिना कहा कि दोनों देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के तहत अवसंरचना, ऊर्जा, और संचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण समझौते करेंगे और सहमति पत्रों पर दस्तखत करेंगे.
   
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत करीब 50 अरब डॉलर के समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
   
तीन हजार किलोमीटर लंबा कॉरिडोर चीन के सुदूर दक्षिणी क्षेत्र को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के जरिए अरब सागर में पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने की एक विशाल सड़क, रेल, ऊर्जा योजनाओं, पाइपलाइंस और निवेश पार्कों की एक विशाल परियोजना है.
   
कॉरिडोर परियोजना का प्रारूप उपलब्ध कराते हुए चीन ने भारत की इन चिंताओं को कमतर किया कि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के जरिए तैयार किया जा रहा है और कहा कि यह एक वाणिज्यिक परियोजना है.
   
चीन के सहायक विदेश मंत्री लिउ जियांचाओ ने पिछले हफ्ते कहा था, ‘‘चीन और पाकिस्तान के बीच परियोजना भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद से संबंधित नहीं है. इसलिए मुझे नहीं लगता कि भारतीय पक्ष को उस बारे में चिंतित होना चाहिए.’’



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