पाक प्रधानमंत्री ने एमक्यूएम कार्यकर्ता की फांसी में विलंब की सलाह दी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के पूर्व कार्यकर्ता सौलात मिर्जा की फांसी 30 दिन के लिये टाल दी जाये.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल) |
ऐसा संभवत: मिर्जा का बयान उसकी पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल करने के इरादे से किया जा रहा है.
मिर्जा को कराची बिजली आपूर्ति निगम के तत्कालीन प्रमुख शाहिद हमीद, उनके चालक अशरफ ब्रोही और गार्ड खान अकबर की 1997 में हत्या के मामले में 1999 में दोषी ठहराया गया था और एक अप्रैल को उसे फांसी दी जानी है.
पिछले हफ्ते उसकी फांसी तब टाल दी गयी थी जब एक वीडियो सामने आया जिसमें उसने एमक्यूएम के शीर्ष नेताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने हत्या के आदेश दिये थे.
एमक्यूएम प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह मिर्जा के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे.
संविधान के तहत अगर कोई कानूनी मुद्दा हो तो राष्ट्राध्यक्ष फांसी पर रोक लगा सकता है.
समझा जाता है कि सरकार एमक्यूएम के खिलाफ मिर्जा के बयान का इस्तेमाल करना चाहता है. एमक्यूएम कराची में चल रहे सुरक्षा अभियान से नाखुश है और शुक्रवार को उसके एक प्रतिनिधिमंडल ने इस पर आपत्ति जताते हुए शरीफ से मुलाकात की.
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