विदेश सचिव जयशंकर यात्रा से वार्ता बहाली की ओर बढ़े भारत और पाकिस्तान

Last Updated 04 Mar 2015 11:24:40 AM IST

विदेश सचिव एस जयशंकर से चर्चा करने के बाद भारत और पाकिस्तान वार्ता बहाल करने की ओर आगे बढ़ते नजर आए.


भारत-पाक रिश्तों में जमी बर्फ पिघली (फाइल फोटो)

अपनी दक्षेस यात्रा के तहत जयशंकर इस्लामाबाद में अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज चौधरी के साथ व्यापक वार्ता की. दोनों ही देशों ने इसे रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने वाला बताया.

इसके अलावा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विदेश मामलों एवं राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर उनके सलाहकार सरताज अजीज से भी मुलाकात की.

पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने इस अवसर को दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने वाला करार दिया. इस विचार से भारतीय सूत्र सहमत दिखे. जयशंकर ने बताया, वार्ता ‘रचनात्मक और सकारात्मक माहौल’ में हुई. उन्होंने मुंबई हमले से जुड़े मुद्दों सहित सीमा पार से आतंकवाद पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया.

ऐसा लगता है कि इस वार्ता ने दोनों देशों को अपनी वार्ता बहाल करने की राह पर आगे बढ़ाया है जो सात महीने पहले बाधित हो गई थी जब भारत ने आखिरी क्षणों में विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी. पाकिस्तानी उच्चायुक्त के नई दिल्ली में कश्मीरी अलगाववादियों के साथ विचार विमर्श करने के चलते यह कदम उठाया गया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने नई दिल्ली में बताया कि दोनों सचिवों ने आगे बढ़ने के लिए संबंधों के बीच मौजूद खाई को पाटने की कोशिश की. संबंधों को सामान्य करने की दिशा में वह प्रगति करते नजर आए. चौधरी के साथ अपनी वार्ता के बाद विदेश सचिव ने कहा, मेरी यात्रा ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के लिए अवसर मुहैया कराया. हमने एक दूसरे की चिंताओं और हितों पर खुल कर बात की. हम मतभेदों को दूर करने को एक साझा आधार पाने के लिए साथ काम करने को राजी हुए.

उन्होंने बताया, मैंने मुंबई मामला सहित सीमा पार से आतंकवाद पर हमारी ज्ञात चिंताओं को दोहराया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज और प्रधानमंत्री के विशेष सहायक तारिक फातेमी से जयशंकर की मुलकात से पहले दोनों विदेश सचिवों ने एक घंटे तक चचा की.

जयशंकर और चौधरी ने दोपहर के भोज के दौरान भी अपनी चर्चा जारी रखी और वह भी एक घंटे से अधिक समय तक चली. वर्ष 2012 के बाद भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की यह प्रथम व्यापक बैठक है.

जयशंकर ने कहा, हम इस बात पर राजी हुए कि सीमा पर शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है. विदेश सचिव ने कहा, चौधरी के साथ वार्ता के दौरान दक्षेस को आगे ले जाने पर विचार एवं कोशिशों पर वार्ता हुई. पाक दक्षेस का अगला अध्यक्ष होगा और भारत दक्षेस को अपनी संभावनाओं को हासिल करने में मदद के लिए पाक के साथ काम करना पसंद करेगा.

जयशंकर ने कहा, दक्षेस यात्रा की प्रधानमंत्री की पहल के तहत यहां आकर मैं खुश हूं. मैंने दक्षेस पर अपने नेतृत्व की उम्मीदों और हमारे सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगी संबंध बनाने के उनके संकल्प से अवगत करा दिया.

उन्होंने बताया, हमने दक्षेस को आगे ले जाने के विचारों और कोशिशों पर चर्चा की. पाकिस्तान दक्षेस का अगला अध्यक्ष होगा और भारत दक्षेस को अपनी संभावनाओं को हासिल करने में मदद करने के लिए पाक के साथ काम करना पसंद करेगा. दक्षेस यात्रा पर जयशंकर का यह तीसरा पड़ाव था. वह थिम्पू और ढाका की यात्रा पहले ही कर चुके हैं.

जयशंकर अपनी दक्षेस यात्रा के प्रथम दौर को संपन्न करने के लिए यहां से बुधवार को अफगानिस्तान के लिए रवाना होंगे. उनकी यात्रा का लक्ष्य क्षेत्रीय और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करते हुए समूह के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत करना है.

पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘क्रिकेट कूटनीति’ का इस्तेमाल करते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से बात की थी और उनसे जयशंकर की दक्षेस यात्रा पर चर्चा की थी. दक्षेस दक्षिण एशिया में स्थित आठ देशों का एक आर्थिक और भूराजनैतिक संगठन है जिसमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका इसके सदस्य के तौर पर शामिल हैं.



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