उबर बलात्कार मामले की अमेरिकी अदालत में मामला दायर
उबर कैब बलात्कार मामले में अमेरिकी अदालत में इस टैक्सी सेवा कंपनी के खिलाफ मामला दायर किया है.
उबर कैब (फाइल) |
नयी दिल्ली में पिछले महीने उबर कैब के चालक के बलात्कार की शिकार 25 वर्षीय एक भारतीय युवती ने एक अमेरिकी अदालत में इस ऑनलाइन टैक्सी सेवा कंपनी के खिलाफ उसके चालकों की जांच सहित मूलभूत सुरक्षा उपाय करने में नाकाम रहने के लिए कानूनी वाद दायर किया है.
पीड़ित ने मामले में कहा है कि कंपनी द्वारा जरूरी सुरक्षा उपाय नहीं करने के कारण उसका यौन उत्पीडन और अपमान हुआ.
सैन फ्रांसिस्को आधारित कंपनी के खिलाफ कैलीफोर्निया संघीय अदालत में 36 पृष्ठों के कानूनी वाद में युवती का नाम नहीं लिया गया है और उसकी पहचान केवल ‘जेन डोइ’ के रूप में हुई है.
दुनियाभर में 250 से अधिक शहरों में एप के जरिये संचालित तथा 40 अरब डॉलर की टैक्सी सेवा पांच दिसंबर को इस बलात्कार के मामले के बाद से दिल्ली की सड़कों से प्रतिबंध हो गई है.
पीड़ित महिला अधिकारी ने क्षतिपूर्ति के रूप में अनिश्चित राशि का दावा करते हुए कहा कि इसका फैसला एक ज्यूरी सुनवाई में किया जाए और मुआवजे पर निर्णय उसे इस घटना के कारण हुई ‘‘शारीरिक एवं आर्थिक’’ क्षति तथा उसकी ‘‘पेशेवर और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा’’ को पहुंची चोट के आधार पर हो.
कानूनी वाद में कहा गया कि उबर की ‘‘लापरवाही, धोखाधडी और अन्य गैरकानूनी कदमों’’ की वजह से महिला का यौन उत्पीड़न हुआ जिससे उसे अपमान सहना पड़ा और उसकी गरिमा को ठेस पहुंची.
पीड़ित ने यह निर्देश देने वाले आदेश की भी मांग की कि उबर कंपनी कानूनी मामले में बिना बताये गैरकानूनी आचरण के असर के उपचार और ‘‘भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए’’ सभी जरूरी सकारात्मक कदम उठाए.
कानूनी वाद दायर करने के बाद, पीड़ित के वकील और न्यूयार्क के चर्चित अटार्नी डगलस विगडोर ने कहा कि वे उनके मुवक्किल को पहुंची बड़ी शारीरिक एवं भावनात्मक चोट के लिए उबर को जिम्मेदार ठहराना चाहते हैं और साथ ही यह भी चाहते हैं कि उबर सुरक्षा संबंधी ऐहतियाती कदम उठाए.
विगडोर ने आशा जताई कि यह मामला सकारात्मक बदलाव लाएगा जिससे अंतत: दुनियाभर में उन लोगों को सुरक्षा मिलेगी जो उबर कार में बैठने के गंभीर जोखिम से अनजान हैं.
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