एशिया समीकरण में अब प्रवेश कर रहा है भारत: किसिंजर

Last Updated 30 Jan 2015 07:42:05 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति की सफल भारत यात्रा के कुछ ही दिन बाद पूर्व अमेरिकी विदेशमंत्री हेनरी किसिंजर ने कहा कि एशिया समीकरण पर अभी चीन छाया हुआ है और अब भारत उसमें प्रवेश कर रहा है.


पूर्व अमेरिकी विदेशमंत्री हेनरी किसिंजर (फाइल)

किसिंजर ने अमेरिकी सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति की एक सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि किसी भी एशियाई प्रणाली का विशेष पहलू अमेरिका और चीन के बीच का रिश्ता होगा.
     
अमेरिका के 91 वर्षीय पूर्व विदेशमंत्री ने कहा, ‘‘अब भारत इस समीकरण में प्रवेश कर रहा है. विशाल आर्थिक क्षमता, जीवंत लोकतंत्र, और एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिम के साथ सांस्कृतिक संपर्कों के साथ भारत बढ़ती हुई भूमिका निभाएगा जिसका अमेरिका स्वाभाविक रूप से स्वागत करेगा. जोर सामरिक समूहबंदी पर नहीं, सामाजिक और राजनीतिक संयोजन पर होना चाहिए.
     
किसिंजर ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच के समीकरण को अकसर एक उभरती शक्ति और एक स्थापित शक्ति के बीच के समीकरण के तौर पर परिभाषित किया जाता है.
     
उन्होंने कहा, ‘‘एक के बाद एक दो अमेरिकी और चीनी राष्ट्रपतियों ने सहयोग के आधार पर इस मामले से निबटने के अपने संयुक्त उद्देश्य की घोषणा की है. दोनों देशों के उल्लेखनीय प्रवक्ताओं ने प्रतिकूल पहलुओं पर जोर दिया है. अपनाई गई दिशा हमारे काल में निर्णायक भूमिका निभाएगी.’’
     
उन्होंने रेखांकित किया कि एशिया में अनेक अर्थव्यवस्थाएं और समाज फल-फूल रहे हैं.
    
किसिंजर ने कहा, ‘‘इसके साथ ही, इन देशों में से कई, स्पष्ट सीमाओं या उनके बीच प्रतिद्वंद्विता रोकने के किसी प्रबंध के बिना जमीन को ले कर एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं. यह कुछ हद तक अस्थिरता से ले कर स्थानीय विवाद तक लाते हैं.’’
    
पूर्व शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एवं राष्ट्रीय रणनीतिकार ने बताया कि अमेरिका खुद को एक विरोधाभासी स्थिति में पा रहा है.
    
किसिंजर ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय क्षमता के किसी भी मानक से, हम अपने उद्देश्य पूरा करने और अंतरराष्ट्रीय मामलों को आकार देने की स्थिति में हैं.’’
    
उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, जब हम चारों तरफ दुनिया को देखते हैं, हम उथल-पुथल और टकराव से दोचार होते हैं. अमेरिका ने दूसरे विश्वयुद्ध के अंत के बाद से संकटों की इतनी ज्यादा विविध और जटिल श्रंखला का सामना नहीं किया था.’’
      
उसी समिति के साथ पेश हो कर पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री मैडेलिन अलब्राइट ने कहा, ‘‘अमेरिका को एशिया में जोश-खरोश से जुड़ा रहना चाहिए... भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ ज्यादा मजबूत साझेदारी बनाना चाहिए और क्षेत्रीय व्यापार के लिए नए अवसर सृजित करना चाहिए और आर्थिक, कूटनीतिक एवं सैन्य मुद्दों पर चीन के साथ संबंध को विस्तार देना चाहिए.’’
      
मैडेलिन ने कहा, ‘‘हम क्षेत्र में एक अन्य अत्यंत अहम रिश्ते को मजबूत करने की दिशा में जो सकारात्मक प्रगति कर रहे हैं, राष्ट्रपति बराक ओबामा की इस हफ्ते की भारत यात्रा ने उसे मजबूत किया है.’’



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