भारतीय सहायता वाले उत्तरी श्रीलंका रेलवे का परीक्षण परिचालन सफल
भारत ने तीन दशक लंबे गृहयुद्ध से जर्जर तमिल बहुल उत्तरी श्रीलंका में एक प्रमुख रेलपथ पर परीक्षण परिचालन के सफलतापूर्वक संपन्न होने की घोषणा की.
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे (फाइल) |
यह परीक्षण परिचालन मधु रोड-तिरूकेथीसवरम रेलपथ पर हुआ.
भारतीय उच्चायोग की ओर से कोलंबो में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि परीक्षण परिचालन ने स्थानीय आबादी में उल्लेखनीय उत्साह सृजित किया और जब रेलगाड़ी उनके पास से गुजर रही थी तो अनेक लोग स्वत:स्फूर्त रूप से तालियां बजा रहे थे.
इसी माह श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने पल्लई-जाफना पुनर्निर्मित रेलपथ और संकेत प्रणाली (सिग्नल सिस्टम) का उद्घाटन किया था. यह परीक्षण परिचालन उसके कुछ ही दिन बाद हुआ.
दोनों ही परियोजनाएं भारत के रेल मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम आईआरसीओएन इंटरनेशनल पूरा कर रहा है.
मधु रोड-तिरूकेथीसवरम पुनर्निर्मित रेलपथ 26 किलोमीटर लंबा है और यह 252 किलोमीटर लंबे रेलपथ पर आधारित उत्तर रेलवे लाइन परियोजना का एक हिस्सा है जिसका कार्यान्वयन भारत सरकार की ओर से प्रदान तकरीबन 80 करोड़ डॉलर की रियायती कर्ज सुविधा के तहत आईआरसीओन कर रहा है.
तलईमन्नार तक रेलपथ के पूरे होने पर तलईमन्नार और तमिलनाडु के रामेश्वरम के बीच नौका सेवा शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.
इस विकास से हमबनतोता और मातारा श्रीलंका से श्रीलंकाई नागरिक भारत के किसी भी हिस्से का सफर रेलगाड़ी से कर सकेंगे.
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