मुशर्रफ की संयुक्त मुकदमा चलाने की अपील पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ चल रहे राजद्रोह के मुकदमे में कई पूर्व सैन्य और असैन्य नेताओं को शामिल करने की मुशर्रफ की याचिका पर एक विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा.
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ (फाइल) |
न्यायमूर्ति फैसल अरब की अगुवाई वाला तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण 71 वर्षीय मुशर्रफ पर राजद्रोह का मुकदमा चला रहा है. उन्होंने 2007 में देश के राष्ट्रपति के तौर पर आपातकाल लगाकर कथित तौर पर यह अपराध किया था.
मुशर्रफ ने इसे चुनौती देते हुए कहा है कि उन पर अलग से मुकदमा चलाकर राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है और उस समय सरकार में शामिल रहे सभी सैन्य और असैन्य नेताओं को इसमें शामिल किया जाना चाहिए.
उनके वकील फरोग नसीम ने शुक्रवार को दलीलें पूरी कीं और अदालत से कहा कि आपातकाल लगाने में शामिल रहे सभी लोगों पर संयुक्त रूप से मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
नसीम ने कहा कि आपातकाल लगाने का कदम तत्कालीन प्रधानमंत्री शौकत अजीज, कैबिनेट मंत्रियों और पूर्व सेना प्रमुख के कोर कमांडरों समेत तत्कालीन सैन्य और असैन्य नेताओं के साथ सलाह मशविरा करके संयुक्त रूप से उठाया गया था.
उन्होंने कहा कि आपातकाल लागू करने के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. यह कानून के खिलाफ है.
मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक शासन किया था और 2008 में सत्ता से बेदखल होकर स्व-निर्वासन में चले गये. वे 2013 में पाकिस्तान लौट आये और कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं.
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