भारतीय मूल के अमेरिकी छात्र ने जीता नवोन्मेष पुरस्कार
भारतीय मूल के एक अमेरिकी छात्र ने ‘अमेरिकाज़ टॉप यंग साइंटिस्ट’ का पुरस्कार जीता है.
साहिल दोषी (फाइल) |
उसे यह पुरस्कार पर्यावरण के अनुकूल ऐसा उपकरण बनाने के लिए दिया गया है, जो घरों में बिजली आपूर्ति के दौरान कार्बन फुटप्रिंट में कटौती करता है.
पिट्सबर्ग निवासी नवीं कक्षा के छात्र साहिल दोषी ने 2014 डिस्कवरी एजुकेशन 3एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज का विजेता बनने के लिए नौ अन्य अंतिम प्रतिभागियों से स्पर्धा की.
इस पुरस्कार में 25 हजार डॉलर की राशि और कोस्टा रिका रिका जैसे किसी स्थान की रोमांचक यात्रा मिलती है.
डिस्कवरी एजुकेशन एंड 3 एम ने एक बयान में कहा कि साहिल द्वारा तैयार प्रोटोटाईप- द पोलूसेल कार्बन डाई ऑक्साइड को बिजली में बदलता है और स्वदेशी तरीके से घरों एवं विकासशील देशों के लिए बिजली देते हुए कार्बन फुटप्रिंट में कटौती करने में मददगार होता है.
बयान में कहा गया कि दुनियाभर में बिजली की कमी और जहरीले वायु प्रदूषण से जूझते 1.2 अरब लोगों की समस्या को समझते हुए दोषी ने ऊर्जा संग्रहण का एक ऐसा उपकरण बनाने का संकल्प किया, जो बिजली के जरूरतमंद लोगों के लिए बिजली बनाने के साथ-साथ हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों को भी कम कर सके.
डिस्कवरी एजुकेशन के अध्यक्ष एवं सीईओ बिल गुडविन ने कहा कि हमें 3एम के साथ साहिल और इस साल अंतिम चरण तक पहुंचे अन्य प्रतिभागियों को उनके समर्पण एवं नवोन्मेषी सोच के लिए मुबारकबाद देते हुए खुशी हो रही है. मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में ये समाज पर एक अर्थपूर्ण प्रभाव छोड़ेंगे.
अन्य प्रतिभागियों में तीसरे स्थान पर वर्जीनिया के जयकुमार रहे. उन्होंने खिड़की पर लगने वाले वायु शोधन तंत्र का विकास किया, जो नुकसानदायक प्रदूषकों को घर के अंदर दाखिल होने से रोकता है.
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