अमेरिका में मानवाधिकार के उल्लंघन संबंधी मुकदमे से मोदी को छूट

Last Updated 20 Oct 2014 09:39:42 PM IST

अमेरिका ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मानवाधिकार के उल्लंघन संबंधी मुकदमे से छूट मिली हुई है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल)

अमेरिकी एटॉर्नी प्रीत भराड़ा ने न्यूयॉर्क स्थित एक संघीय अदालत से कहा कि अमेरिकी सरकार की कार्यपालिका शाखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विदेशी सरकार के प्रमुख के तौर मान्यता दी है जिन्हें उनके मौजूदा दर्जे के मद्देनजर अमेरिकी अदालतों के अधिकार क्षेत्र से राष्ट्राध्यक्ष की छूट मिलती है.
     
भराड़ा ने कहा कि मोदी इस मुकदमे को लेकर इस अदालत के अधिकार क्षेत्र से छूट पाने के हकदार हैं.
     
न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संस्था अमेरिकन जस्टिस सेंटर (एजेसी) ने गोधरा हिंसा में जीवित बचे दो लोगों के साथ मिलकर मोदी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था.
    
भराड़ा ने कहा कि कार्यपालिका शाखा द्वारा स्वीकार पारंपरिक अंतरराष्ट्रीय कानूनी सिद्धातों के तहत किसी भी राष्ट्राध्यक्ष एवं शासनाध्यक्ष को पद पर रहते हुए छूट मिलती है.
    
भारतीय मूल के एटॉर्नी ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष अथवा शासनाध्यक्ष के पद से मुक्त होने के बाद उस व्यक्ति को उन्हीं कदमों के लिए छूट मिलती है जो उसने पद पर रहते हुए उठाए थे.
    
एजेसी की ओर से दायर मुकदमे के जवाब में भराड़ा ने यह दलील पेश की है.
    
एजेसी ने एक बयान में कहा कि उस एलेन टोर्ट मामले में अमेरिकी प्रशासन की ओर से दायर ‘छूट के सुझाव’ का प्रतिवाद करेगा जो मोदी के सितंबर, 2014 में अमेरिका  दौरे के समय दायर किया गया था.
    
एजेसी के एटॉर्नी गुरवंत सिंह पन्नून ने कहा कि हम अमेरिकी सरकार के छूट संबंधी सुझाव को चुनौती देंगे.
    
उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से दिए गए सुझाव से न सिर्फ अमेरिकी कानूनों तथा मानवाधिकार के उल्लंघन पर अमेरिकी नीति का उल्लंघन होता है बल्कि इससे मानवाधिकार प्रवर्तन अधिनियम एवं अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम जैसे अमेरिकी कानूनों के कई प्रावधानों का भी उल्लंघन होता है.



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