वित्तीय संकट के कारण बंद हुआ मोहम्मडन स्पोर्टिंग
भारत के सबसे पुराने फुटबाल क्लबों में से एक मोहम्मडन स्पोर्टिंग गंभीर वित्तीय संकट के कारण बंद हो गया है.
मोहम्मडन स्पोर्टिंग (फाइल) |
कोलकाता के इस 123 साल पुराने मैदान स्थित क्लब को इस सत्र में आई लीग सेकेंड डिवीजन में खेलना था लेकिन अब उसने टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया है. इसके अलावा उसने गोवा में चल रहे डूरंड कप से हटने का निर्णय किया है.
क्लब के अध्यक्ष सुल्तान अहमद ने कहा कि हम आगामी सत्र में आई लीग और डूरंड कप में नहीं खेलेंगे.
अहमद ने हालांकि इन रिपोर्टों को नकार दिया कि क्लब को भंग कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वह अब भी स्थानीय लीग में खेलेगा.
उन्होंने कहा कि हम आधारभूत ढांचे का विकास करके क्लब को तैयार करेंगे और 2015-16 से आई लीग (सेकेंड डिवीजन) में भाग लेंगे.
अहमद ने कहा कि हम अगले सत्र में कलकत्ता फुटबाल लीग प्रीमियर डिवीजन और आईएफए शील्ड में खेलेंगे. इसके अलावा आमंत्रण टूर्नामेंटों में भी हिस्सा लेंगे.
अहमद से पूछा गया कि क्या क्लब पश्चिम बंगाल को झकझोरने वाले चिटफंड घोटाले की वजह से वित्तीय संकट से घिर गया है, उन्होंने कहा कि भारत में सिर्फ हमारे साथ ही नहीं बल्कि कई फुटबाल क्लबों के साथ लंबे समय से ऐसा होता रहा है. लेकिन हम अभी तक काम चला रहे थे.
क्लब के एक अन्य अधिकारी ने हालांकि कहा कि रिपोर्टों के हिसाब से क्लब 1.5 से दो करोड़ रूपये का नुकसान झेल रहा है.
अधिकारी ने कहा कि यदि हमारे प्रायोजक हमें जरूरी वित्तीय मदद नहीं पहुंचाते तो फिर हमारे लिये डूरंड कप में खेलना मुश्किल है. हम तभी टूर्नामेंट में खेलेंगे जब वे हमें मदद पहुंचाएंगे.
उन्होंने कहा कि अब एआईएफएफ के नियमों के अनुसार हम फेडरेशन कप में भी नहीं खेल सकते हैं.
पिछले सत्र में आई लीग में सेकेंड डिवीजन में खिसकने के कारण क्लब फेडरेशन कप में भाग नहीं ले सकता.
मोहम्मडन स्पोर्टिंग पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट से जूझ रहा था. वित्तीय जरूरतें पूरी करने में नाकाम रहने के कारण इसके खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ भी नाखुश थे.
इसके अलावा इस साल मई में कोलकाता के इस क्लब को एआईएफएफ क्लब लाइसेंसिंग मानदंडों को पूरा नहीं कर पाने के कारण आई लीग में खेलने से रोक दिया गया था.
एआईएफएफ क्लब लाइसेंसिंग नियमों के अनुसार टीम को कई कानूनी, प्रशासनिक, खेल, आधारभूत ढांचे और वित्तीय मानदंडों को पूरा करना होता है.
लाइसेंसिंग सालाना प्रक्रिया है जिसमें सभी क्लबों के पास भारतीय क्लब लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत लाइसेंस होना जरूरी है.
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