निरक्षरता और गरीबी को मिटाने के लिए हो तकनीक का इस्तेमाल

Last Updated 02 Oct 2014 07:37:33 PM IST

बिहार में \'सुपर 30\' कार्यक्रम के चर्चित संस्थापक आनंद कुमार का कहना है कि तकनीक का इस्तेमाल अशिक्षा और गरीबी को दूर करने के लिए किया जाना चाहिए.


बिहार में 'सुपर 30' कार्यक्रम के चर्चित संस्थापक आनंद कुमार संबोधित करते हुए.

उन्होंने कहा कि तकनीक अभिजात्य लोगों के हाथों का औजार नहीं होना चाहिए बल्कि अशिक्षा और गरीबी के खिलाफ लड़ने में एक हथियार के तौर पर इसका इस्तेमाल होना चाहिए.

अमेरिका के नामी गिरामी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अपने संबोधन में आनंद कुमार ने कहा कि तकनीक केवल बड़ी रकम बनाने का औजार नहीं होना चाहिए. इसे अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई में बड़ा हथियार बनाना चाहिए जिसकी बदौलत गरीब को गुणत्तापूर्ण शिक्षा मिले, जिससे दुनिया की बड़ी आबादी वंचित है. इससे दुनिया को प्रतिभा की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है.

कुमार शैक्षिक कार्यक्रम सुपर-30 के संस्थापक हैं जिसकी शुरूआत पटना में हुयी थी. 2002 में शुरू कार्यक्रम में हर साल समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 30 प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का चयन होता है और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की प्रवेश परीक्षा के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है.

कुमार को एमआईटी और हारवर्ड विश्वविद्यालय ने आईआईटी में कमजोर तबके के छात्रों के नामांकन में परामर्शदाता की भूमिका के लिए वैश्विक तौर पर उनके विशेष प्रयासों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया था.

सुपर 30 के कई छात्रों का उदाहरण देते हुए कुमार ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालय के तकनीकी विशेषज्ञों से जोर देकर कहा कि तकनीक को संभ्रांत वर्ग के हाथों का औजार नहीं बनने देना चाहिए बल्कि समाज के जरूरतमंद लोगों तक इसकी पहुंच होनी चाहिए.

कुमार ने कहा, \'\'तकनीकी विशेषज्ञों के लिए समय आ गया है कि लैब से निकलकर दुनिया की समस्याओं को महसूस करें और समाधान तलाश करें. दुनिया भर में समस्या कमोबेश एक ही है- गरीबी और अभाव.\'\'

उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक को मानवीय आयाम, दुनिया को और बेहतर जगह बनाएगा. कुमार ने कहा, \'\'थोड़ा वक्त उनके लिए भी सोचें जिन्हें इस आधुनिक समय में भी बिजली और स्वच्छ पानी नसीब नहीं है. तकनीक से द्वीप नहीं बनना चाहिए बल्कि समावेशी समाज विकसित करने में मदद मिलनी चाहिए.\'\'
    
कुमार ने कहा कि युद्धक मशीनों से हम जंग जीत सकते हैं लेकिन इससे हमें शांति और आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं होती इसलिए खुशहाली ज्यादा महत्वपूर्ण है.



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