मोदी-ओबामा वार्ता : आतंकी नेटवर्क ध्वस्त करने पर सहमति

Last Updated 01 Oct 2014 01:49:10 AM IST

भारत और अमेरिका आतंकी समूहों और आपराधिक नेटवर्कों को ध्वस्त करने के लिए ‘‘संयुक्त और सतत प्रयास’’ करने पर सहमत हो गए है.


वाशिंगटन : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा व्हाइट हाऊस में हाथ मिलाते हुए.

आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग को और आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति बराक ओबामा लश्कर-ए-तय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी कंपनी, अल कायदा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों और आपराधिक नेटवर्कों को ध्वस्त करने के लिए ‘संयुक्त और सतत प्रयास’ करने पर सहमत हुए हैं.

मोदी और ओबामा ने मंगलवार को यहां व्हाइट हाउस में दो घंटे से अधिक चली अपनी पहली शिखर बैठक में इस बात पर भी सहमति जताई कि दोनों देश इन आतंकवादी समूहों के वित्तीय और उन्हें मिल रहे अन्य प्रकार के सहयोग को ध्वस्त करने की दिशा में कदम उठाएंगे. दोनों नेताओं ने पहली शिखर स्तरीय बैठक में भारत, अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को ‘नए स्तर’ पर ले जाने, असैन्य परमाणु करार लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने पर भी प्रतिबद्धता जताई.

लंबी वार्ता के दौरान आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश सहित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की गई और मोदी ने अमेरिका में भारतीय सेवा क्षेत्र की पहुंच को सुगम बनाने की मांग की. दोनों देशों के बीच अपने रक्षा सहयोग को 10 वर्ष और बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भागीदारी करने का निमंत्रण दिया.

मोदी और ओबामा के बीच बैठक के बाद अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भारत पश्चिम एशिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बने ‘किसी गठबंधन’ में शामिल नहीं होगा. इसी प्रकार, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में तय पायी त्रिपक्षीय साझेदारी सैन्य सहयोग के बजाय विकास के मुद्दे पर आधारित होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवादी समूहों और आपराधिक नेटवर्क की सुरक्षित पनाहगाहों को ध्वस्त करने में ‘संयुक्त और सतत प्रयासों’ का अर्थ यह नहीं है कि भारत और अमेरिका कोई अभियान चलाएंगे बल्कि संयुक्त राष्ट्र समर्थित अभियान में शामिल होंगे.

इससे पहले, दोनों नेताओं के बीच पहले सीमित स्तरीय और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ताएं हुई जिनमें दक्षिण और पश्चिम एशिया में आतंकवाद के उभरते नए खतरे सहित एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता जैसे विषयों को लिया गया.

मोदी ने कहा, ‘हम दोनों असैन्य परमाणु सहयोग करार को आगे ले जाने पर सहमत हुए हैं. हम इससे जुड़े मुद्दों का शीघ्र समाधान निकालने के प्रति गंभीर हैं. भारत की ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों के लिए यह बहुत आवश्यक है.’ गौरतलब है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार और अमेरिका में बुश प्रशासन के दौरान भारत अमेरिका असैन्य परमाणु करार हुआ था लेकिन जवाबदेही कानूनों से जुड़े मुद्दों पर यह आगे नहीं बढ़ पा रहा है. अब असैन्य परमाणु संयंत्रों से जुड़ी जवाबदेही, प्रशासनिक और तकनीकी मुद्दों के समाधान के लिए एक अंतर एजेंसी संपर्क समूह का गठन किया जाएगा. भारत की ओर से इसमें परमाणु ऊर्जा विभाग, विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय आदि शामिल होंगे.

रक्षा क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने सुरक्षा और रक्षा संबंधी वार्ता को और आगे बढ़ाने का निर्णय किया है. उन्होंने अमेरिकी रक्षा कंपनियों से भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र में सहयोग करने की अपील की. उल्लेखनीय है कि भारत ने हाल ही में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 फीसद कर दिया है. दक्षिण एवं पश्चिम एशिया में उभरती आतंकवाद की चुनौतियों पर चिंता व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद निरोधक तंत्र और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहयोग और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. गौरतलब है कि पश्चिम एशिया में इन दिनों आईएसआईएस नामक आतंकी संगठन ने बड़े भूभाग पर कब्जा जमा लिया है.

संयुक्त बयान के दौरान ओबामा ने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की एक बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है. मोदी ने कहा, ‘भारत और अमेरिका स्वाभाविक वैश्विक साझेदार हैं जो साझा मूल्यों और हितों पर आधारित हैं.’ ओबामा ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार एवं आर्थिक सहयोग, अंतरिक्ष एवं वैज्ञानिक विकास के क्षेत्र में अनुसंधान विशेष तौर पर इबोला जैसी चुनौतियों से निपटने के विषय पर सहयोग बढाने के बारे में चर्चा की.

ओबामा ने भारत आने का न्योता स्वीकारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारत आने का निमंत्रण दिया है जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. संयुक्त बयान के बाद मोदी ने व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में कहा, ‘मैंने ओबामा और उनके परिवार को सुविधाजनक समय पर भारत आने का न्योता दिया है.’ इसके बारे में आपसी सुविधाजनक समय पर दोनों पक्ष इस यात्रा की रूपरेखा तैयार करेंगे. अगर ओबामा अपने कार्यकाल में भारत आते हैं तो वह भारत की यात्रा दो बार करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे. ओबामा ने नवम्बर 2010 में भारत की यात्रा की थी.

भारतीय सेवा कंपनियों की सरल पहुंच पर जोर

भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों में और सुधार आने का विश्वास व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय सेवा कंपनियों की पहुंच आसान बनाए जाने का मुद्दा उठाया. मोदी ने अपनी पांच दिन की अमेरिकी यात्रा के दौरान कई प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की. ओबामा से मुलाकात के दौरान उन्होंने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से जुड़े मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया. मोदी ने ओबामा से भारतीय सेवा क्षेत्र की कंपनियों की अमेरिकी अर्थव्यवस्था में पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया.

स्मार्ट सिटी बनाने में मदद देगा अमेरिका

अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी एक सौ स्मार्ट सिटी बनाने की परियोजना में सहयोग करने का वादा करते हुए इलाहाबाद, अजमेर और विशाखापट्टनम को स्मार्ट सिटी बनाने में सहयोग देने पर सहमति जताई है. यह सहमति मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यहां हुई शिखर बैठक के दौरान व्यक्त की गई. इलाहाबाद और अजमेर धार्मिक महत्व के शहर है जबकि विशाखापट्टनम औद्योगिक शहर है. 

 



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