चीन-भारत सीमा विवाद पर किसी बाहरी मध्यस्थ की जरूरत नहीं

Last Updated 30 Sep 2014 04:47:09 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद के जटिल मुद्दे को सुलझाने के लिए किसी बाहरी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल)

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश बातचीत के जरिये इसका समाधान निकालने में सक्षम हैं.
   
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के समारोह में मोदी ने कहा कि भारत और चीन बातचीत के जरिये मुद्दों का समाधान निकालने में समक्ष हैं. किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है.
   
यह पूछे जाने पर कि भारत-चीन सीमा मुद्दे के समाधान के लिए क्या भारत किसी बाहरी मध्यस्थ या पंचाट को स्वीकार करेगी, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि दोनों देशों एक दूसरे से सीधे बात कर रहे हैं.

मोदी ने कहा कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंध बनाना चाहता है.
    
प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में लद्दाख क्षेत्र में तनातनी की स्थिति बनी हुई थी और चीनी सेना ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की थी. 
   
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस क्षेत्र से चीनी सेनाओं की वापसी 30 सितंबर तक पूरी हो जायेगी.
   
भारत का कहना है कि सीमा विवाद 4000 किलोमीटर में हैं जबकि चीन का दावा है कि यह अरूणाचल प्रदेश के 2000 किलोमीटर में है जिसे चीन दक्षिणी तिब्बत बताता है.
   
इस जटिल मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच 17 दौर की वार्ता हो चुकी है.




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