जिद्दी है चीनी सैनिक, नहीं मान रहे राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भी आदेश

Last Updated 22 Sep 2014 08:54:25 PM IST

चीनी सैनिक अपने राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश के बावजूद भारत की सीमा से पीछे हटने को तैयार नहीं है.


जिद्दी है चीनी सैनिक, नहीं मान रहे जिनपिंग का आदेश (फाइल फोटो)

चीन के सैनिक अब भी लद्दाख में स्थित एलएसी पर डटे हुए हैं. गौर हो कि पिछले दिनों जब जिनपिंग भारत यात्रा पर आए थे तो उस समय उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया था कि उन्‍होंने चीनी सैनिकों को वापस लौटने के आदेश जारी कर दिया है.

दूसरी ओर चीन के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर चीनी सैनिकों से अनुरोध किया गया है कि वे राष्‍ट्रपति के आदेश का पालन करें.

चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह आदेश भी दिया गया है कि जिनपिंग के आदेश को मानने के बाद उन्‍हें तुरंत ताजा स्थिति से अवगत कराया जाए.

चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह बयान उस समय आया है जब लद्दाख के चुमार इलाके में पैदा हुए टकराव के हालात यथास्थिति पर कायम हैं. बढ़ते तनाव के बीच चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ दलबीर सिंह सुहाग ने भूटान का अपना दौरा रद्द कर दिया है.

रविवार को उस वक्त स्थिति और खराब हो गई थी जब चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सीमा में अपने सात टेंट गाड़ दिए थे.

\"\"एलएसी को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं: चीनी सेना

वहीं भारतीय सैनिकों के साथ लगातार गतिरोध के बीच चीनी सेना ने सोमवार को पहली बार टिप्पणी की और कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं लेकिन दोनों पक्ष बातचीत के माध्यम से सीमा के मुद्दों को सुलझा सकते हैं.   

लद्दाख के चुमार इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारत की सेना के जवानों के बीच गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के कार्यालय ने कहा, ‘‘हमने मीडिया में संबंधित खबरें देखी हैं’’.
   
जिन घटनाओं की छाया हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की उच्चस्तरीय भारत यात्रा पर भी पड़ी रही, उन पर पहली टिप्पणी करते हुए सेना ने कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा विवाद इतिहास से ही बना हुआ है. दोनों देशों के बीच सीमा का निर्धारण अभी तक नहीं किया गया है और वास्तविक नियंतण्ररेखा :एलएसी: को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं’’.
   
चीन की सेना ने कहा, ‘‘चीन के सीमा पर रहने वाले सैनिकों ने हमेशा दोनों देशों के बीच संबंधित समझौतों का कड़ाई से पालन किया है. दोनों पक्ष सीमावर्ती इलाकों में उठ रहे मुद्दों को बातचीत और परामर्श के जरिये सही से सुलझा सकते हैं’’.

चीनी सेना ने शी की भारत यात्रा के समापन पर जारी किए गए संयुक्त बयान का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि दोनों देश चीन-भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन को द्विपक्षीय संबंधों के विकास और सतत प्रगति के महत्वपूर्ण कारक के तौर पर चिह्नित करते हुए विकास के लिए करीबी साझेदारी बनाना चाहते हैं.
   
सेना ने कहा, ‘‘शी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी दोहराया था कि सीमा के सवाल पर अंतिम समाधान लंबित रहने तक दोनों पक्ष सीमावर्ती इलाकों में अमन और चैन बनाए रखने के लिए संयुक्त प्रयास करते रहेंगे’’.
   
पीएलए की विज्ञप्ति में मुद्दे के समाधान का तरीका तो नहीं बताया गया लेकिन कहा गया है, ‘‘हम उन महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारतीय पक्ष के साथ गंभीरता से काम करना चाहते हैं जिन पर दोनों देशों के नेताओं ने सहमति जताई थी. हम चीन-भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं’’.
   
रविवार को पीएलए के चीफ्स ऑफ स्टाफ ने बैठक कर नई परिस्थितियों में सैन्य कमान की क्षमता सुधारने को लेकर बातचीत की थी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि लद्दाख में सीमा संबंधी गतिरोध पर चर्चा हुई या नहीं.

   



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