नेपाल के अंतिम नरेश ज्ञानेन्द्र को दिल का हल्का दौरा पड़ा, सेहत में सुधार
नेपाल के अंतिम नरेश ज्ञानेन्द्र शाह को दिल का हल्का दौरा पड़ने के बाद उन्हें काठमांडू के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
नेपाल के अंतिम नरेश ज्ञानेन्द्र शाह (फाइल) |
डॉक्टर ने बताया कि एंजीओप्लास्टी के बाद नरेश की सेहत में सुधार हो रहा है.
वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ भरत रावत ने बताया कि सीने में बेचैनी की शिकायत होने के बाद शाह (67) को शनिवार देर रात नोरविक अस्पताल लाया गया.
रावत ने बताया कि शाह की बायीं धमनी 100 प्रतिशत अवरूद्ध हो गयी थी. अवरोध हटाने के लिए उनकी एंजीओप्लास्टी की गयी.
डॉक्टरों ने कहा कि यह ‘हल्का दिल का दौरा’ था और अस्पताल के निजी आईसीयू में शाह की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. उन्होंने बताया कि हालत स्थिर बने रहने पर सौमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है.
इसकी खबर लगते ही शाह के समर्थक अस्पताल परिसर में जमा हो गए.
पूर्व प्रधानमंत्री एवं वरिष्ठ माओवादी नेता बाबूराम भट्टाराई ने अस्पताल पहुंचकर शाह की सेहत के बारे में पूछताछ की.
शाह के बड़े भाई बीरेन्द्र बीर बिक्रम शाह देव और उनके परिवार के सदस्यों का राजमहल में नरसंहार होने के बाद उन्हें (शाह को) 2001 में नेपाल नरेश का ताज पहनाया गया था.
शाह के पद से हटने की मांग को लेकर विद्रोह होने के बाद उन्होंने 2008 में राजगद्दी छोड़ दी और नेपाल में सदियों से चली आ रही राजशाही खत्म हो गई तथा संविधान सभा ने देश को गणराज्य में तब्दील कर दिया था.
इसके बाद से वह सार्वजनिक रूप से कम ही दिखे हैं.
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