इबोला से पैदा हालात का जायजा लेने लाइबेरिया जा रहा है संयुक्त राष्ट्र दल
संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाला एक दल इबोला विषाणु के खिलाफ चिकित्सीय संकट का आकलन करने लाइबेरिया जा रहा है.
इबोला विषाणु (फाइल) |
इसके साथ ही एक वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि इस साल के अंत तक इबोला के लिए कोई टीका तैयार हो जाएगा.
लाइबेरिया जाने वाले संयुक्त राष्ट्र आपदा आकलन एवं समन्वय (यूएनडीएसी) दल में ‘मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ (ओसीएचए), यूरोपीय संघ और लाइबेरिया सरकार के विशेषज्ञ शामिल हैं.
ओसीएचए प्रवक्ता एंजेलिटा मेंडी ने कहा कि यह पहला मौका है जब कोई यूएनडीएसी दल किसी महामारी से निबटने के लिए तैनात किया गया है...इस तरह के दल आम तौर पर प्राकृतिक आपदाओं में तैनात किए जाते हैं.
शुक्रवार को एक आपात बैठक में सुरक्षा परिषद ने इबोला महामारी को शांति और सुरक्षा के लिए खतरा करार किया और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने महामारी की रोक-थाम करने, संक्रमित लोगों का इलाज करने, आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने, स्थिरता बनाए रखने और महामारी को और फैलने से रोकने के लिए एक अलग मिशन यूएनएमईईआर की स्थापना की घोषणा की.
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के पियरे फोरमेंती ने कहा कि लोगों के पूर्ण सहयोग के बगैर महामारी पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता.
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