फौजी हुकूमत की ओर बढ़ रहा पाक!

Last Updated 02 Sep 2014 06:04:43 AM IST

पाक सेना प्रमुख के सोमवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात कर गहराते राजनीतिक संकट का हल निकालने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के बाद से विवाद शुरू हो गया.


इस्लामाबाद में प्रदर्शन के दौरान क्षतिग्रस्त वाहनों के पास खड़े होकर पुलिस से मोर्चा लेते प्रदर्शनकारी.

मीडिया की खबरों में दावा किया जा है कि बैठक में संकट से घिरे शरीफ को पद छोड़ने की सलाह दी गई है. इसका दोनों पक्षों ने खंडन किया.

इस बीच, सोमवार को भी पूरे दिन राजधानी इस्लामाबाद और कुछ अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव जारी रहा.  सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भारी सुरक्षा वाले सचिवालय और सरकारी टेलीविजन पीटीवी के दफ्तर पर धावा बोल दिया. पिछले 48 घंटे के दौरान उच्च सुरक्षा वाले रेड जोन में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुए खूनी संघर्ष में तीन व्यक्ति मारे गए हैं और 550 से अधिक घायल हुए हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक के मौलाना ताहिर उल कादरी पर संसद में हमला करने की कोशिश करने के लिए आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया.  राजनीतिक संकट के हिंसक होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पीटीआई, पीएटी तथा पीएमएल एन नीत सरकार के बीच जारी राजनीतिक गतिरोध को खत्म कराने में मदद की पेशकश की है.

 टीवी चैनलों की खबरों के अनुसार सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने प्रधानमंत्री शरीफ को पद छोड़ने की सलाह दी है. इसके बाद सरकार और सेना ने इन दावों का अलग-अलग खंडन करते हुए इन्हें ‘आधारहीन’ बताया. ‘दुनिया टीवी’ की खबर के अनुसार जनरल शरीफ ने प्रधानमंत्री को तीन माह की अस्थायी अवधि के लिए इस्तीफा देने को कहा, जैसा की प्रदर्शनकारियों की मांग रही है, ताकि पिछले आम चुनाव में कथित धांधली की स्वतंत्र आयोग द्वारा जांच कराई जा सके.

इमरान खान एवं ताहिरुल कादरी यह मांग करते रहे हैं कि शरीफ को सीमित समय के लिए हट जाना चाहिए, ताकि धांधली के दावों की जांच हो सके.  इस बीच, सरकार के एक प्रवक्ता ने टीवी चैनलों पर प्रसारित की जा रही अफवाहों का तुरंत खंडन किया. प्रवक्ता ने अफवाहों को ‘आधारहीन’ और ‘झूठा’ करार दिया. सेना प्रवक्ता मेजर जनरल असीम बाजवा ने भी खबरों से इनकार करते हुए ट्वीट किया, ‘सेना प्रमुख द्वारा प्रधानमंत्री से इस्तीफे या उन्हें अवकाश पर जाने के लिए कहने की खबरें निराधार हैं.’ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पुत्री मरियम नवाज शरीफ ने भी समाचारों को ‘कुप्रचार’ कहकर खारिज कर दिया.

शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई को बताया कि सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री ने मौजूदा सुरक्षा एवं राजनीतिक स्थिति के बारे में विचार-विमर्श किया. जनरल शरीफ ने प्रधानमंत्री को रविवार को कमांडरों की बैठक के बारे में जानकारी दी. पीएमएल (एन) नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने इस बात की पुष्टि की कि देश के संविधान के विरुद्ध कोई निर्णय नहीं किया जाएगा और संसद की मंजूरी ली जाएगी.’

बीती रात प्रदर्शनकारी सचिवालय का गेट तोड़कर घुस गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए रबड़ की गोलियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन असफल रही. प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय कर्मियों के वाहनों को नष्ट कर दिया. इसके बाद, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान टेलीविजन (पीटीवी) के दफ्तर पर धावा बोल दिया. प्रदर्शनकारियों ने कैमरे तोड़ दिए और नियंतण्रकक्ष में पहुंच गए. इसके चलते कुछ देर के लिए उसका प्रसारण ठप हो गया. इसके बाद सैन्यकर्मी टीवी स्टेशन के मुख्यालय पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया.

पाकिस्तान तहरीके इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान एवं पाकिस्तान अवामी तहरीक के प्रमुख ताहिरूल कादरी यह मांग करते रहे हैं कि शरीफ को सीमित समय के लिए हट जाना चाहिए ताकि धांधली के दावों की जांच हो सके. वर्ष 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद आधे से अधिक समय तक देश पर जनरलों ने राज किया है. इस बीच, खान ने सोमवार दोपहर को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के शासन के खात्मे का समय आ गया है.

उन्होंने कहा ‘हमने सेना से जारी राजनीतिक संकट में मध्यस्थ बनने को नहीं कहा.’ पीटीआई प्रमुख ने कहा ‘पीटीवी मुख्यालय में घुसने वाले हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं. मैंने किसी भी कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री आवास की तरफ बढ़ने या किसी भी इमारत में प्रवेश करने को नहीं कहा है.’ पीटीवी की इमारत पर धावा बोलने वाले प्रदर्शनकारी पाकिस्तानी सेना के पक्ष में नारे लगा रहे थे.

एक्सप्रेस न्यूज के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पीटीवी मुख्यालय की दीवारों पर कादरी का नाम लिख दिया. कादरी ने अपने समर्थकों से कहा कि वे सैन्यकर्मियों द्वारा तय की गई सीमा को कभी पार नहीं करें. कादरी ने कहा ‘कड़ाई से सेना के आदेशों का पालन कीजिए. ये आपकी सीमाएं हैं.’ संघर्ष में दर्जनों पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. इमरान खान चाहते हैं कि पीएमएल-एन सरकार इस्तीफा दे. वह शरीफ पर पिछले साल हुए चुनाव में धांधली करने का आरोप लगा रहे हैं. इन चुनावों में खान की पार्टी हार गई थी. कादरी देश में क्रांति लाना चाहते हैं. दोनों नेता 14 अगस्त से आंदोलन कर रहे हैं.



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