कादरी ने शरीफ को इस्तीफे के लिए दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

Last Updated 30 Aug 2014 08:23:19 PM IST

पाकिस्तानी सेना के मध्यस्थता प्रयासों के बीच मौलाना ताहिर उल कादरी ने शरीफ को इस्तीफा देने के लिए 24 घंटे की नयी समयसीमा तय कर दी.


कादरी ने शरीफ को इस्तीफे के लिए दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

देर रात इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) का एक प्रतिनिधिमंडल उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी के नेतृत्व में कादरी के शिविर में पहुंचा और पाकिस्तान आवामी लीग (पीएटी) के मुखिया कादरी को उनके अगले कदम में देरी के लिए राजी किया.

गत 14 अगस्त को एक साथ मार्च शुरू करने के बाद दोनों समूहों के बीच यह पहला सीधा संपर्क था .बैठक के बाद कादरी ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे के लिए 24 घंटे की समयसीमा तय की .

कादरी दो हफ्ते पहले संसद के बाहर डेरा डालने के बाद से कई बार समयसीमा दे चुके हैं .उधर, अपने रूख पर अडिग प्रधानमंत्री शरीफ ने इन प्रदर्शनों को खारिज करते हुए कहा कि यह ‘हल्का तूफान’ है जो जल्द खत्म हो जाएगा.

\"\"शरीफ ने कहा, ‘‘यह हल्का तूफान, कोलाहल है जो कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा.’’

कुछ ताकतों द्वारा खुद को निशाना बनाने का प्रयास किए जाने का संकेत देते हुए शरीफ ने कहा कि लोकतंत्र के खिलाफ साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकतंत्र के खिलाफ साजिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हर कोई देख चुका है कि धरने में कितने लोगों ने हिस्सा लिया. महज कुछ हजार लोग करोड़ों पाकिस्तानी नागरिकों की तरफ से जनादेश नहीं तय कर सकते.’’

कादरी के साथ बैठक के बाद कुरैशी ने भी पीएटी की भीड़ को संबोधित किया और उसे आगे की कार्रवाई स्थगित करने के अपनी पार्टी के आग्रह से अवगत कराया . इस पर प्रदर्शनकारी सहमत नहीं हुए . तब कादरी अपने कंटेनर से बाहर निकले और अपने अनुयायियों से पीटीआई के प्रस्ताव पर सहमति देने को कहा .

कादरी ने कहा कि पीएटी और पीटीआई के कई विचार समान हैं और दोनों एक ही लड़ाई लड़ रहे हैं . उन्होंने समर्थकों को आगाह करते हुए कहा कि सरकार दोनों दलों के बीच बिखराव पैदा करना चाहती है .

इस बीच, देर रात अपने संबोधन में इमरान खान ने घोषणा की कि उनकी पार्टी धरने को लाहौर, कराची, फैसलाबाद और मुल्तान तक रैलियों के रूप में विस्तारित करेगी . कादरी ने अपने समर्थकों से खान के प्रदर्शनों में शामिल होने को कहा .

संसद के बाहर अपने कंटेनर के ऊपर से बोलते हुए खान ने कहा कि वह अपने अगले कदम की घोषणा रविवार को करेंगे .

खान ने दोहराया कि प्रस्तावित न्यायिक आयोग तब तक 2013 के चुनावों में हुई धांधली की जांच करने में सक्षम नहीं होगा जब तक कि शरीफ प्रधानमंत्री हैं .

यह घटनाक्रम तब हुआ जब कल सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता विफल हो गई .\"\"

सूत्रों ने बताया कि कादरी और खान के गुरूवार की रात सेना प्रमुख राहील शरीफ से मिलने के बाद समझौता कराने के लिए परदे के पीछे से सेना सक्रिय है .

शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने चुनाव सुधारों से संबंधित सभी मांगों को स्वीकार करने की घोषणा की है, लेकिन प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया है.

जनरल राहील शरीफ की मध्यस्थता के बाद दोनों पक्ष सेना के हस्तक्षेप के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कल नेशनल असेंबली में कहा, ‘‘न तो मैंने सेना से कहा, न ही सैन्यबलों ने वर्तमान राजनीतिक संकट में भूमिका निभाने के लिए पूछा है.’’

शरीफ ने मीडिया की उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा गया कि शरीफ ने सेना से उनके बचाव के लिए आगे आने का ‘‘अनुरोध’’ किया.

कादरी और खान दोनों ने शरीफ के बयान के विरोध में बयान दिया .शरीफ के बयान के जवाब में सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल असीम बाजवा ने ट्वीट किया, ‘‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को सरकार ने गतिरोध का समाधान निकालने में भूमिका निभाने को कहा था .’’

प्रतिष्ठा बचाने के प्रयास के तहत गृहमंत्री चौधरी निसार ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने सेना की भूमिका को मंजूरी दी थी .

शरीफ के बयान पर जवाब देते हुए पाकिस्तान अवामी तहरीक :पीएटी: पार्टी के गुस्साए प्रमुख कादरी ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि प्रधानमंत्री ने सेना से हस्तक्षेप के लिए कहा. मैं आधिकारिक रूप से कह रहा हूं कि हमने सेना से हस्तक्षेप के लिए कोई अनुरोध नहीं किया.’’ उन्होंने कहा कि शरीफ झूठ बोल रहे हैं .

खान ने भी शरीफ द्वारा यह कहे जाने पर उनकी निन्दा की कि कादरी और खान ने सेना से भूमिका निभाने को कहा था.



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