पाक राजनीतिक संकट का समाधान तलाशेगी पाक सेना

Last Updated 29 Aug 2014 01:54:54 AM IST

पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कुर्सी छोड़ने की मांग से कादरी और खान ने हटने से इनकार कर दिया है जिसके बाद पाक सेना प्रमुख की मदद मांगने का फैसला किया गया.


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)

पाकिस्तान की संकटग्रस्त सरकार ने विपक्ष के नेता इमरान खान और प्रभावशाली मौलाना ताहिरल कादरी के नेतृत्व में चल रहे प्रदर्शनों के कारण पैदा हुए राजनीतिक संकट को समाप्त करने के लिए सेना की मदद मांगी.

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कुर्सी छोड़ने की मांग से कादरी और खान ने हटने से इनकार कर दिया है जिसके बाद सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ की मदद मांगने का फैसला किया गया.

इससे पहले बृहस्पतिवार को दिन में राहिल शरीफ ने प्रधानमंत्री से मुलाकात करके दो हफ्ते से जारी राजनीतिक संकट पर चर्चा की. तीन दिन में यह उनकी दूसरी मुलाकात थी.

दोनों प्रदर्शनकारी नेताओं ने एलान किया कि प्रधानमंत्री शरीफ ने जनरल शरीफ से मध्यस्थता करने को कहा है.

इमरान खान ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जनरल राहिल शरीफ ने हमसे बातचीत के लिए कुछ और समय देने को कहा है.’’

कादरी ने भी अपने भाषण में इस बात की पुष्टि की कि सेना प्रमुख ने संकट को समाप्त करने के लिए 24 घंटे देने को कहा है.

पाकिस्तान के राजनीतिक संकट को खत्म करने के प्रयास में, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आज धर्मगुरू कादरी के 14 समर्थकों की हत्या के मामले का आरोप झेलने पर सहमत हुए लेकिन कादरी ने इसे खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पर आतंक के आरोप भी लगाए जाने चाहिए.

लाहौर में पुलिस ने माडल टाउन क्षेत्र में कादरी के समर्थकों की हत्या में कथित भूमिका को लेकर आखिरकार प्रधानमंत्री शरीफ, उनके भाई और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज, प्रमुख कैबिनेट सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जो धर्मगुरू की प्रमुख मांग थी.

पंजाब पुलिस प्रवक्ता नबीला गजानफर ने पीटीआई से कहा, ‘‘लाहौर उच्च न्यायालय के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई.’’

उन्होंने कहा कि कादरी के संगठन पाकिस्तान अवामी तहरीक की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई.

हालांकि कादरी इससे संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने कहा, ‘‘जब तक आतंकवाद कानून नहीं लगाया जाता, मैं इस प्राथमिकी को स्वीकार नहीं करता.’’

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख कादरी ने बुधवार की रात वार्ता का पांचवां दौर बेनतीजा रहने के बाद आधिकारिक वार्ताकारों से संवाद बंद कर दिया.

कादरी ने इमरान खान को अपना भाई बताया.

कादरी ने कहा, ‘‘आज आर्थिक एवं सामाजिक शोषण से आजादी का दिन है. इस देश के 10 करोड़ गरीब इस भ्रष्ट एवं अनुचित व्यवस्था के गुलाम हैं.’’

खान ने शरीफ के इस्तीफे की मांग जारी रखते हुए कहा, ‘‘मैं यहां से छोड़कर नहीं जाऊंगा. मैं इस राजशाही को स्वीकार नहीं करूंगा. मैं असली लोकतंत्र चाहता हूं.’’

खान ने कहा, ‘‘यह फैसला किया गया है कि शाहबाज शरीफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी लेकिन उन्होंने फैसला किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.’’  

 मीडिया की खबरों में कहा गया कि प्रदर्शनों का दबाव बढ़ने के बीच, शरीफ ने वर्तमान राजनीतिक संकट पर चर्चा के लिए राजधानी में उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.

‘डान न्यूज’ ने खबर दी कि बैठक में फैसला किया गया कि न तो प्रधानमंत्री और न ही पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज इस्तीफा देंगे और संघीय तथा प्रांतीय विधानसभाएं भी भंग नहीं होंगी.

बैठक की अध्यक्षता के दौरान, शरीफ ने यह भी कहा कि वह माडल टाउन क्षेत्र मामले में जांच में पूरा सहयोग करेंगे.

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौर के माडल टाउन इलाके में 17 जून की झड़पों से प्रभावित परिजनों की मांग के अनुरूप प्राथमिकी दर्ज की गई.

लाहौर सत्र अदालत ने इसी माह पुलिस को कादरी नीत पीएटी की शिकायत में नामित 21 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.

पाकिस्तान पुलिस ने हालांकि शरीफ और उनके भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और कुछ शीर्ष कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था.

सत्र अदालत ने शरीफ, उनके भाई शाहबाज, उनके भतीजे हम्जा शाहबाज, गृहमंत्री चौधरी निसार, रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, रेलमंत्री रफीक, सूचना मंत्री परवेज राशिद, राज्यमंत्री आबिद शेर अली (यह भी शरीफ के रिश्तेदार हैं), पंजाब के पूर्व कानून मंत्री राना सनाउल्ला और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था जिन्होंने ‘‘बैरिकेड हटाने के अभियान’’ में हिस्सा लिया था.

कादरी ने यह भी मांग की थी कि मामला दर्ज होने के बाद दोनों शरीफ भाई - नवाज और शाहबाज - इस्तीफा दें.

बीते दो हफ्तों से राजनीतिक गतिरोध जारी है और खान नीत पीटीआई और कादरी नीत पीएटी पिछले साल आम चुनावों में कथित धांधली और लाहौर में 14 पीएटी समर्थकों की हत्या के मामलों को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग से पीछे हटने को राजी नहीं है.

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर 19 अगस्त से संसद भवन और उच्चतम न्यायालय भवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं.

इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने कांस्टीट्यूशन एवेन्यू पर प्रदर्शनों से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए धरने की राजनीति से दूरी बनाई और कहा कि यह कांस्टीट्यूशन एवेन्यू के बारे में नहीं बल्कि संविधान के ही बारे में है.

शरीफ ने तुर्की में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले तैयब इरडोगन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए वहां जाने का कार्यक्र म रद्द कर दिया. अब राष्ट्रपति ममनून हुसैन वहां पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे.



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