पाकिस्तान सरकार बैकफुट पर, शरीफ को हटाने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी
इमरान खान और धर्मगुरू ताहिर उल कादरी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को दोहराया कि वे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.
शरीफ को हटाने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो) |
जिससे पाकिस्तान में संकट और गहरा गया. इस बीच, सरकार शरीफ के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज करने पर सहमत हो गई.
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख कादरी ने कल रात वार्ता का पांचवां दौर बेनतीजा रहने के बाद आधिकारिक वार्ताकारों से संवाद बंद कर दिया.
खान ने कहा, ‘‘यह फैसला किया गया है कि शाहबाज शरीफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी लेकिन उन्होंने फैसला किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.’’
खान ने कहा कि वह जल्द ही भविष्य की योजना की घोषणा करेंगे.
कल देर रात सरकार के साथ बातचीत नाकाम रहने के बाद कादरी ने कहा, ‘‘मैं पछतावे के साथ घोषणा करता हूं कि सरकार के साथ हमारी बातचीत नाकाम रही. हम आगे की किसी बातचीत के लिए अब दरवाजे बंद कर देंगे.’’
कादरी ने आज के दिन को क्रांति दिवस बताया और शाम तक कोई बड़ा ऐलान करने की बात कही.
मीडिया की खबरों में कहा गया कि प्रदर्शनों का दबाव बढ़ने के बीच, शरीफ ने वर्तमान राजनीतिक संकट पर चर्चा के लिए राजधानी में उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक में सूचना प्रसारण मंत्री परवेज राशिद, मंत्री साद रफीक और फ्रंटियर क्षेत्र एवं राज्यमंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त अब्दुल कादिर बलूच ने शिरकत की.
‘डान न्यूज’ ने खबर दी कि बैठक में फैसला किया गया कि न तो प्रधानमंत्री और ना ही पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज इस्तीफा देंगे और संघीय तथा प्रांतीय विधानसभाएं भी भंग नहीं होंगी.
इस बीच, सरकार ने दबाव में अपने रूख में नरमी लाते हुए आज कादरी की प्रमुख मांग स्वीकार कर ली ओैर धर्मगुरू के 14 समर्थकों की हत्या वाली झड़पों में कथित भूमिका के लिए प्रधानमंत्री शरीफ सहित 21 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने पर सहमति जताई.
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि लाहौर के माडल टाउन इलाके में 17 जून की झड़पों से प्रभावित परिजनों की मांग के अनुरूप प्राथमिकी दर्ज की गई.
लाहौर सत्र अदालत ने इसी माह पुलिस को कादरी नीत पाकिस्तान अवामी तहरीक :पीएटी: की शिकायत में नामित 21 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.
बहरहाल, आरोप दर्ज करने के अदालती आदेश के बावजूद पाकिस्तानी पुलिस ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और कुछ शीर्ष कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था.
बैठक की अध्यक्षता के दौरान आज, शरीफ ने यह भी कहा कि वह माडल टाउन क्षेत्र मामले में जांच में पूरा सहयोग करेंगे.
सत्र अदालत ने शरीफ, उनके भाई शहबाज, उनके भतीजे हम्जा शाहबाज, गृहमंत्री चौधरी निसार, रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, रेलमंत्री रफीक, सूचना मंत्री परवेज राशिद, राज्यमंत्री आबिद शेर अली :यह भी शरीफ के रिश्तेदार हैं:, पंजाब के पूर्व कानून मंत्री राना सनाउल्ला और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था जिन्होंने ‘‘बैरिकेड हटाने के अभियान’’ में हिस्सा लिया था.
कादरी ने यह भी मांग की थी कि मामला दर्ज होने के बाद दोनों शरीफ भाई - नवाज और शाहबाज - इस्तीफा दें.
बीते दो हफ्तों से राजनीतिक गतिरोध जारी है और खान नीत पीटीआई और कादरी नीत पीएटी पिछले साल आम चुनावों में कथित धांधली और लाहौर में 14 पीएटी समर्थकों की हत्या के मामलोें को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग से पीछे हटने को राजी नहीं है.
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर 19 अगस्त से संसद भवन और उच्चतम न्यायालय भवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं.
शरीफ ने आज तुर्की में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले तैयब इरडोगन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए वहां जाने का कार्यक्र म रद्द कर दिया. अब राष्ट्रपति ममनून वहां पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे.
पीएमएल एन सरकार पर दबाव उस समय और बढ़ गया जब एमक्यूएम पार्टी प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने शरीफ से कादरी की कानूनी मांगों को स्वीकार करने के लिए कहा.
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