अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोपों में हिंदू नेता ठहराया गया दोषी
बंद हो चुके ‘हिंदू टेंपल ऑफ जॉर्जिया’ के प्रमुख रहे एक हिंदू नेता को अमेरिका में दो सप्ताह तक चली सुनवाई के बाद 34 आपराधिक मामलों का दोषी ठहराया गया है.
धोखाधड़ी के आरोपों में हिंदू नेता दोषी (फाइल) |
कमांडर सेलवम या स्वामीजी श्री सेलवम सिधार के नाम से भी पहचाने जाने वाले अन्नामलाई अन्नामलाई को सजा 13 नवंबर को सुनाई जानी है.
अमेरिकी अटॉर्नी सैली क्विलियन येट्स ने कहा कि इस प्रतिवादी ने अपने कथित धार्मिक अधिकार और आध्यात्मिक शक्तियों का इस्तेमाल उन लोगों को धोखा देने के लिए किया, जिन्होंने उसपर यकीन किया था.
उन्होंने कहा कि ज्यूरी ने उसके द्वारा की गई धोखाधड़ी को देखा है और उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
आईआरएस-आपराधिक जांच में विशेष एजेंट इन चार्ज वेरोनिका एफ हेमैन-पायलट ने कहा कि अन्नामलाई अन्नामलाई ने स्पष्ट तौर पर समुदाय में अपने धार्मिक अस्तित्व और उन लोगों का फायदा उठाया, जिन्होंने उसका आदर किया था और उसे पूज्य माना था.
आईआरएस अधिकारी ने कहा कि उसने अदालतों को धोखा देने के लिए बेईमानी और धोखाधड़ी का इस्तेमाल किया और अपने निजी फायदे के लिए धन एकत्र किया.
अमेरिकी अटॉर्नी, अभियोग और अदालत में पेश की गई अन्य जानकारी के अनुसार, 49 वर्षीय अन्नामलाई ने हिंदू टैंपल ऑफ जॉर्जिया के माध्यम से अपने अनुयायियों को आध्यात्म या इससे जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराने के बदले उनसे शुल्क लेकर आय अर्जित की.
एक लेनदेन में एक अनुयायी एक सेवा विशेष को तय कीमत पर खरीदने के लिए तैयार हो गया और भुगतान की गारंटी देने के लिए उसने फोन पर केडिट कार्ड नंबर उपलब्ध करवा दिया.
अन्नामलाई ने विभिन्न अवसरों पर अनुयायियों के क्रेडिट कार्ड नंबरों से तय राशि से ज्यादा एवं बिना अनुमति के शुल्क लिया.
आरोपपत्र में कहा गया कि यदि अनुयायियों ने शुल्कों पर अपनी क्रेडिट कार्ड कंपनियों के समक्ष आपत्ति जताई तो अन्नामलाई ने उन कंपनियों के पास ऐसे झूठे दस्तावेज पेश कर दिए, जो अनाधिकृत शुल्कों के समर्थन में थे. बैंक धोखाधड़ी के आरोपों में दोषी ठहराए जाने का आधार यही बना.
मंदिर की ओर से इन क्रेडिट कार्ड शुल्कों के जरिए जो आय जुटाई गई, उसका इस्तेमाल अन्नामलाई और उसके परिवार के जीवनस्तर को चलाने में होता था. इन लोगों के पास कई मकान, संपत्तियां, लग्जरी वाहन और भारत में बैंक खाते हैं.
अन्नामलाई को वर्ष 2007 में जानबूझकर झूठा टैक्स रिटर्न भरने का भी दोषी ठहराया गया. उसने एक विदेशी बैंक (भारत के बैंक) में अपने खाते की जानकारी नहीं दी थी.
धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराए जाने के अलावा उसे ग्रैंड ज्यूरी की जांच एवं दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई में बाधा डालने और गलत बयान देने के तीन मामलों में भी दोषी ठहराया गया.
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