हमास ने इसाइल के लिए मुखबिरी करने वाले 18 लोगों को मारा
संघषर्विराम वार्ता विफल होने के बाद इसाइल ने गाजा में हमास के खिलाफ अपना अभियान आज भी जारी रखा.
हमास ने इसाइल के लिए मुखबिरी करने वाले 18 लोगों को मारा (फाइल फोटो) |
जिसमें कम से कम चार फलस्तीनी मारे गए. दूसरी ओर हमास ने इसाइल के लिए कथित तौर पर मुखबिरी करने वाले 18 लोगों मारने का दावा किया है.
हमास के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि संगठन के सशस्त्र दस्ते के बंदूकधारियों ने 11 लोगों को एक थाने में मौत के घाट उतार दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इसके कुछ देर बाद हमास ने सात और लोगों को सार्वजनिक रूप से मार डाला.
हमास ने चेतावनी दी है कि कई दूसरे लोगों को जल्द यही सजा दी जाएगी.
इन संदिग्ध मुखबिरों को मौत के घाट उतारने से एक दिन पहले ही हमास के तीन शीर्ष कमांडर दक्षिणी गाजा में हुए हवाई हमले में मारे गए थे.
हमास के कमांडरों के मारे जाने के कुछ घंटों के बाद गाजा में हमास शासन के पूर्व प्रमुख इस्माईल हनिया ने कहा, ‘‘एक वरिष्ठ सदस्य के मारे जाने के बाद हम तत्काल बिना किसी हिचक के आगे बढ़े और वापस नहीं लौटे.’’
इस संगठन ने चेतावनी दी है कि उसकी सैन्य इकाई कसाम ब्रिगेड के तीन शीर्ष कमांडरों को मारने की कीमत इसाइल को चुकानी पड़ेगी.
दक्षिणी गाजा में इसाइल के हवाई हमले में सात नागरिक भी मारे गए हैं.
इसाइली रक्षा बल ने कहा है कि उसके हमले में मारे गए हमास के तीनों कमांडर ‘इसाइल के खिलाफ हुए बड़े आतंकी हमलों’ के लिए जिम्मेदार थे.
फलस्तीन में आपात सेवा का कहना है कि आज सुबह नुसरत शरणार्थी शिविर पर इसाइल के हवाई हमले में दो फलस्तीनी मारे गए. डेर अल बाला इलाके में दो नागरिक मारे गए हैं.
गाजा में स्वास्थ मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल कद्र ने कहा कि बीते मंगलवार से संघर्ष विराम वार्ता के टूटने के बाद से इसाइली हमलों में 72 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं.
फलस्तीनी संगठनों की ओर से भी इसाइल पर रॉकेट दागे गए हैं.
अल कद्र ने कहा कि इस साल जुलाई की शुरूआत से चल रहे संघर्ष में अब 2,087 फलस्तीनी मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मारे गए फलस्तीनियों में 70 फीसदी आम नागरिक हैं.
इस पूरे संघर्ष में 67 इसाइली मारे गए हैं जिनमें अधिकांश सैनिक हैं.
दोनों पक्षों में स्थायी संघर्ष विराम पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. इस सप्ताह के शुरू में हमास ने मिस की मध्यस्थता से लाए गए संघषर्विराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उसके तहत इसाइल गाजा पर क्र मबद्ध ढंग से अपनी नाकेबंदी हटाता लेकिन उसने कोई स्पष्ट वादा नहीं किया.
हमास ने सीमा पर घेराबंदी हटाने की मांग की है. वर्ष 2007 में गाजा पट्टी पर हमास के कब्जे के बाद इसाइल और मिस ने घेराबंदी की थी.
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