संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता की आलोचना की
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने सीरिया और अन्य संघर्षं में सुरक्षा परिषद की प्रभावहीनता को लेकर कड़ी आलोचना की.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै (फाइल) |
सुरक्षा परिषद् में अपने अंतिम संबोधन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै ने कहा कि इसके सदस्यों ने नरसंहारों को रोकने के बजाय अक्सर अपने राष्ट्रीय हितों को तरजीह दी.
नवी पिल्लै ने कहा कि मैं दृढ़ता से मानती हूं कि इस परिषद ने यदि अपनी महत्ती जिम्मेदारी ठीक से निभाई होती तो हजारों लोगों की जान बचायी जा सकती थी.
मानवाधिकार प्रमुख के रूप में पिल्लै का कार्यकाल 30 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
पिल्लै ने कहा कि सीरिया का संघर्ष बेकाबू तरीके से फैल रहा है जिसकी अंतिम सीमा कहां समाप्त होगी इसका हम लोग अंदाजा नहीं लगा सकते हैं.
उन्होंने अफगानिस्तान, सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कांगो, इराक, लीबिया, माली, सोमालिया, साउथ सूडान, सूडान, यूक्रेन और गाजा पट्टी में हो रहे संघर्षं का भी इसी संदर्भ में जिक्र किया.
पिल्लै सुरक्षा परिषद की उस बैठक को संबोधित कर रही थीं जिसमें संघर्ष को रोकने के लिए अधिक आक्रामक प्रयासों का वादा करते हुए एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया.
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