यूनियन कार्बाइड पर प्रदूषण के लिए मुकदमा नहीं: अमेरिकी अदालत
भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को तगड़ा झटका देते हुए अमेरिका की एक अदालत ने कहा है कि यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन पर संयंत्र से फैल रहे प्रदूषण के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.
यूनियन कार्बाइड पर मुकदमा नहीं चल सकता (फाइल) |
गैर सरकारी संगठन अर्थराइट्स इंटरनेशनल ने भोपाल के बाशिंदों की ओर से न्यूयार्क की सदर्न डिस्ट्रिक्ट में एक याचिका दायर की थी और कहा था कि नागरिकों की जमीन और पानी संयंत्र के अपशिष्ट से संदूषित हो रहे हैं.
अर्थराइट्स ने कहा कि अदालत के फैसले के अनुसार यह सबूत होने के बाद यूनियन कार्बाइड पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता कि संयंत्र के निर्माण का काम कंपनी के एक कर्मचारी के हाथ में था.
गैर सरकारी संगठन ने विश्वास जताया कि यूनियन कार्बाइड के खिलाफ पर्याप्त सबूत है जिससे अपील करने पर त्रुटिपूर्ण फैसला पलटा जा सकता है.
याचिका में मध्यप्रदेश को भी प्रतिवादी के रूप में शामिल किया गया है और मांग की गयी है कि मध्य प्रदेश संयंत्र स्थल की साफ सफाई में मदद करे. पूर्व भोपाल संयंत्र के इस स्थल पर मध्यप्रदेश का स्वामित्व है.
अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन केन्नन ने 30 जुलाई को 45 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि वादी ने मांग की है कि मध्यप्रदेश राज्य को इस स्थल की साफ सफाई में सहयोग का आदेश दिया जाए. चूंकि अदालत का मानना है कि यूसीसी वादी को पहुंचे नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है अतएव साफ सफाई के लिए अदालती आदेश नहीं होगा और मध्यप्रदेश को उसमें शामिल करने का आधार नहीं है.
उल्लेखनीय है कि 2-3 दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड के संयंत्र से जहरीली गैस रिसने से 5000 से अधिक लोग मारे गए थे.
अर्थराइट्स के अनुसार यूसीसी ने उस स्थल को छोड़ दिया था और उसके बाद जहरीले अपशिष्ट स्थानीय जलापूर्ति को दूषित करते रहे.
गैर सरकारी संगठन ने कहा कि यूसीसी भोपाल संयंत्र में जहरीले अपशिष्टों के बनने और उसके निस्तारण में शामिल थी और संयंत्र के निर्माण का काम देखने वाले प्रबंधक ने इसकी पुष्टि की थी कि उसने यूसीसी के लिए काम किया न कि उसकी भारतीय सहायक के लिए जो आधिकारिक रूप से उसे चलाती थी.
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