गाजा पर इजरायल का सैन्य अभियान तेज, 16 हजार और रिजर्व बल लगाए

Last Updated 31 Jul 2014 05:37:41 PM IST

गाजा में अपना सैन्य अभियान तेज करते हुए इजरायल ने 16 हजार और रिजर्व बल कर्मियों को लगाया.


इजरायल ने 16 हजार और रिजर्व बल लगाए (फाइल फोटो)

इससे हमास आतंकवादियों के खिलाफ पिछले 24 दिनों से जारी उसके सैन्य अभियान को और मजबूती मिले. इन हमलों में अब तक 1,360 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं जिनमें से अधिकतर आम नागरिक हैं.

बुधवार रात इजरायली सुरक्षा कैबिनेट ने विश्व नेताओं के संयम बरतने की अपील के बावजूद 8 जुलाई से शुरू किए गए अपने ‘ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज’ को जारी रखने की मंजूरी दी.
   
नए रिजर्व बल कर्मियों को लगाए जाने के साथ संघर्ष में शामिल बल के कर्मियों की संख्या बढ़कर 86,000 हो गयी है.

संघर्ष में करीब 58 इजरायली मारे गए हैं जिनमें 56 सैनिक और दो नागरिक शामिल हैं. इजरायल में काम कर रहा थाइलैंड का एक मजदूर भी मारा गया.

\"\"इजरायल ने ये हमले गाजा की तरफ से किए जा रहे रॉकेट हमलों को रोकने के लिए शुरू किए थे लेकिन बाद में उसने हमास के सुरंगों को नष्ट करने के लिए हमले चालू रखे. इनमें से कुछ सुरंगों का इस्तेमाल आतंकवादी इजरायल में सीमा पार से हमलों के लिए कर रहे थे.

अभियान को जारी रखने के फैसले के बावजूद इजरायल ने मिस्र्र में भी एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है. मिस्र ने अमेरिका के साथ मिलकर इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम कराने की कोशिश की थी जो असफल रही.

इजरायली समाचार वेबसाइट वाईनेट ने एक वरिष्ठ सैन्य सूत्र के हवाले से कहा कि ‘‘अभियान पूरा करने के लिए जरूरी समय देने के लिए’’ रिजर्व बल कर्मियों को लगाया जा रहा है.
   
सूत्र ने वेबसाइट को बताया, ‘‘हम आज फैसला करेंगे कि उन्हें कहां और किस कमान के तहत तैनात किया जाए.’’

इजरायली सेना को होने वाले नुकसान भी बढ़ रहे हैं. बुधवार को एक विस्फोटक उपकरण की चपेट में आकर मगलान इकाई के तीन सैनिक मारे गए थे.

इस बीच इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूल पर हमले की जांच का वादा किया है जिसमें कम से कम 16 लोग मारे गए थे. असैन्य ढांचों को निशाना बनाने के लिए इजरायल की कड़ी आलोचना हो रही है.

इजरायली सरकार के प्रवक्ता मार्क रेजेव ने कहा, ‘‘हम इसकी जांच करेंगे. और अगर हमें पता चला कि यह इजरायल की तरफ से गलती से हुआ हमला था तो मुझे विश्वास है कि हम माफी मांगेंगे.’’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) द्वारा संचालित स्कूल पर हमले को ‘‘अनुचित’’ बताते हुए इसकी निंदा की थी और कहा था कि ‘‘सभी उपलब्ध सबूत हमले के लिए इजरायली तोपखानों की तरफ इशारा कर रहे हैं.’’

यूएनआरडब्ल्यूए के प्रवक्ता क्रिस गुनेस ने कहा था कि इजरायल को 17 बार बताया गया कि स्कूल में विस्थापित लोग रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हमला पूरी दुनिया के लिए शर्म का विषय है.



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