विमान दुर्घटनास्थल पर सेना भेजना व्यावहारिक नहीं- नीदरलैंड
मलेशियाई विमान एमएच-17 मार गिराने के मामले की जांच कर रहे नीदरलैंड ने अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र सैनिकों को दुर्घटनास्थल पर भेजने की योजना वापस ले ली.
मलेशियाई विमान एमएच-17 दुर्घटना (फाइल) |
नीदरलैंड ने कहा कि सशस्त्र सैनिकों को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जगह पर भेजना ‘व्यावहारिक’ नहीं है.
अधिकारियों ने यह बात तब कही जब विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन में भीषण संघर्ष में दो बच्चों सहित 13 लोगों की मौत हो गई.
नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने यह सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र अधिकारियों को भेजने का फैसला किया था ताकि जांच अधिकारी दुर्घटना स्थल पर अपना काम सही तरीके से कर सकें. लेकिन डच प्रधानमंत्री मार्क रूट्टे ने कहा है कि अब यह विकल्प व्यावहारिक नहीं है.
रूस से सटी सीमा और वहां सशस्त्र अलगाववादियों की मौजूदगी के मद्देनजर रूट्टे ने दि हेग में पत्रकारों को बताया कि इस क्षेत्र में किसी अंतरराष्ट्रीय मिशन के लिए सेना को भेजना, हमारे मुताबिक व्यावहारिक नहीं है.
बहरहाल, दुर्घटना स्थल से सटे नगरों में भारी बमबारी हुई. दुर्घटनास्थल पर अब भी विमान हादसे में मारे गए कुछ लोगों के शव पड़े हैं और सूरज की रोशनी पड़ने से क्षत-विक्षत हो रहे हैं. बमबारी की इस घटना में दो बच्चों सहित 13 लोग मारे गए.
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