तस्लीमा नसरीन पर एक और विवाद

Last Updated 19 Dec 2013 09:12:39 PM IST

बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन पर एक और विवाद हो गया और टीवी धारावाहिक का प्रसारण स्थगित करना पड़ा.


तस्लीमा नसरीन (फाइल फोटो)

तस्लीमा द्वारा लिखी पटकथा पर आधारित धारावाहिक के एक बंगला चैनल पर प्रसारण को उस समय अनिश्चित समय के लिए स्थगित करना पड़ा जब मुस्लिम कट्टरपंथियों के विरोध प्रदर्शन किया और आपत्ति व्यक्त की. लेखिका ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इसकी कहानी का धर्म से कोई लेना देना नहीं है.  

‘आकाश अथ’ चैनल पर गुरुवार की रात ‘दुसाहोबास’ (कठिन जिंदगी) का प्रसारण होना था.

अल्पसंख्यक समूह मिल्ली इत्तेहाद परिषद के अब्दुल अजीज और कोलकाता स्थित टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम मौलाना नुरूर रहमान बरकती ने चैनल को इस धारावाहिक का प्रदर्शन रोकने की चेतावनी देते हुए कहा कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं.

तस्लीमा ने कहा कि इस नये चैनल आकाश अथ पर आज राज जिस धारावाहिक का प्रसारण किया जाना था, उसकी कहानी शहर में बसे एक हिन्दू परिवार के बारे में हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ इसकी कहानी में धर्म का ‘आर’ भी नहीं है. किसी ने भी धारावाहिक को नहीं देखा है. तब वे क्यों इसका विरोध कर रहे हैं ? यह कहानी तीन बहनों की है जो उन सामाजिक बुराइयों से लड़ती हैं जो उनके समक्ष पेश आती हैं.’’

क्षुब्ध तस्लीमा ने ट्विट करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का सहयोग करने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘ अविश्वसनीय, पश्चिम बंगाल सरकार ने महिला अधिकारों पर मेरे आने वाले धारावाहिक पर इसलिए रोक लगा दी क्योंकि कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम लोगों ने आपत्ति जतायी. मैं महसूस कर रही हूं जैसे मैं सऊदी अरब में रह रही हूं.’’ 

चैनल के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आकाश अथ निर्धारित कार्यक्र म के अनुरूप आज रात 10 बजे से दुसाहोबास का प्रसारण करना चाहता है और तैयार है लेकिन चैनल के नियंतण्रसे बाहर की स्थिति के कारण हमें धारावाहिक का प्रसारण अनिश्चितकाल के लिए टालने को मजबूर होना पड़ सकता है.’’

अपने बयान में चैनल ने कहा कि धारावाहिक महिला सशक्तिकरण पर आधारित है और इसका किसी भी धर्म या समुदाय से कोई लेना देना नहीं है.

अल्पसंख्यक समूह मिल्ली इत्तेहाद परिषद के अब्दुल अजीज ने प्रेट्र से कहा कि उन्होंने निर्माताओं को पत्र लिखकर धारावाहिक से तस्लीमा का नाम एवं उल्लेख वापस लेने तथा ऐसे दृश्यों को हटाने को कहा है जो विवाद पैदा कर सकते हैं.

अजीज ने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि धारावाहिक में कुछ दृश्य हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं. इस धारावाहिक के जरिये वह कोलकाता लौटने की कोशिश कर रही हैं. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.’’

अल्पसंख्यक समूह के कारण चैनल पहले ही सभी होडि’ग से तस्लीमा का नाम हटाने को मजबूर हुआ है.

कोलकाता स्थित टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम मौलाना नुरूर रहमान बरकती ने कहा, ‘‘हम चैनल को धारावाहिक के प्रसारण की अनुमति नहीं देंगे.’’

अखिल भारतीय अल्पसंख्यक मंच के इदरिस अली ने आरोप लगाया कि तसलीमा राज्य में शांति एवं सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने की अनुमति नहीं देंगे.’’

तस्लीमा को 1994 में लज्जा उपन्यास के जरिये कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में बांग्लादेश से निर्वासित कर दिया गया था.

यूरोप में लम्बे समय तक रहने के बाद उन्होंने 2004 में शहर में आश्रय लिया था. नवंबर 2007 में शहर में हिंसक प्रदर्शन के बाद उन्हें नयी दिल्ली में अज्ञात स्थान पर रखा गया . इसके बाद से वह वहीं रहती हैं.

 



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