ब्रिटेन को नेट माइग्रेशन टार्गेट से छात्रों को हटा देना चाहिए: लार्ड पॉल
लार्ड स्वराज पॉल ने कहा है कि ब्रिटेन को नेट माइग्रेशन टार्गेट से छात्रों को हटा देना चाहिए.
लार्ड स्वराज पॉल (फाइल) |
वोल्वरहैम्पटन और वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालयों के कुलपति लार्ड पाल ने उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के आर्थिक विकास में योगदान पर एक चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लंदन हमेशा सबसे अच्छे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षिक करता रहा है लेकिन हमारी आव्रजन प्रणाली में बदलाव से पैदा हुई चुनौतियों के कारण अमेरिका, भारत और चीन की तुलना में यहां छात्रों की संख्या में कमी आ रही है.
दिग्गज प्रवासी भारतीय उद्योगपति एवं शिक्षाविद ने गुरुवार शाम कहा कि आव्रजन प्रणाली में बदलाव के कारण उच्च शिक्षा का हमारा बाजार प्रभावित हो रहा है. यह इस समय इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था का पांच अरब पौंड है और 2025 तक इसके 16 अरब 90 करोड़ पौंड होने का अनुमान है. इसलिए मुझे लगता है कि हमें नेट माइग्रेशन टार्गेट से छात्रों को हटा देना चाहिए क्योंकि अधिकतर छात्र कुछ ही समय के लिए यहां आते हैं.
लार्ड पॉल ने कहा कि शिक्षा हासिल करने और कुशलता प्राप्त करने का सभी को समान अवसर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था के विकास में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि हमारे पास आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए दक्ष कार्यबल हो.
उन्होंने कहा कि अन्य देश इस चुनौती को स्वीकार कर रहे हैं.
लार्ड पॉल ने कहा कि यह अनुमान है कि भारत विश्व के स्नातक छात्रों की 12 प्रतिशत आपूर्ति करेगा. ऐसे में भारत सरकार ने 2020 तक उच्च शिक्षा में चार करोड़ छात्रों का लक्ष्य निर्धारित किया है. चीन के तब तक सभी उच्च शिक्षा स्नातक की 29 प्रतिशत आपूर्ति करने का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा अब ब्रिटेन में विमान उद्योग, कृषि या औषधि उद्योग से भी बड़ा उद्योग है.
लार्ड पॉल ने कहा कि उच्च शिक्षा का ब्रिटेन का मॉडल छात्रों को नौकरी के लिए बेहतर ढंग से तैयार करता है.
उन्होंने कहा कि वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में हम 150 देशों के छात्रों का स्वागत करते हैं. हम इसका विश्व स्तर के दर्जे तक उन्नयन करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अध्यापन समेत अनुसंधान एवं विकास में सरकारी आर्थिक मदद को सुरक्षित रखे जाने की जरूरत है.
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