अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग के लिए तैयार है चीन
चीन ने कहा है कि वह मंगल पर अपना पहला अंतर्ग्रहीय अभियान भेजने वाले भारत के साथ अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग करना चाहता है.
चीनी अंतरिक्ष अभियान (फाइल) |
चीन ने रविवार रात करीब 56.4 मीटर ऊंचे लॉंग मार्च-3बी नाम के रॉकेट के जरिए ‘चांग’ई -3’ नाम का प्रोब कक्ष में प्रक्षेपित किया. ‘चांग’ई -3’ को शीचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया.
इसी दिन भारत के मंगलयान ने पृथ्वी की कक्षा छोड़ी और वह मंगल ग्रह के लिए 300 दिन की लंबी यात्रा पर रवाना हो गया.
सरकारी संवाद समिति शिंहुआ ने चीन के ल्यूनर प्रोब के सफल प्रक्षेपण पर एक रिपोर्ट में कहा कि चीन के अंतरिक्ष वैज्ञानिक देश के निकट पड़ोसी भारत और अन्य देशों के साथ सहयोग करना चाहते हैं.
इससे पहले चीन के चंद्रमा कार्यक्रम के डिप्टी कमांडर इन चीफ ली बेनझेंग ने मीडिया से कहा कि चीन के अंतरिक्ष अनुसंधान का मकसद किसी से मुकाबला करना नहीं है.
शिंहुआ की रिपोर्ट ने बेनझेंग के हवाले से कहा कि हम अपने चंद्र कार्यक्रम में अन्य देशों से सहयोग का स्वागत करते हैं. हम मानव विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक संसाधन जुटाने में अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान किए जाने की उम्मीद करते हैं.
चांग ई 3 ल्यूनर प्रोब के दिसंबर के मध्य में चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है. यह परग्रही खगोलीय पिंड पर जाने की चीन की पहली कोशिश के तहत एक बड़ा कदम है.
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