माता से बच्चे को होने वाले एचआईवी संक्रमण में आ रही है कमी: संयुक्त राष्ट्र

Last Updated 29 Nov 2013 12:15:22 PM IST

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि माता से बच्चों को होने वाले एचआईवी संक्रमण में कमी आई है.


यूनीसेफ (फाइल)

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष का कहना है कि वह पिछले सात साल में किशोरों के बीच एचआईवी और एड्स की दरों के बढ़ने से चिंतित है और कन्डोम वितरण और एंटीरेट्रोवायरल उपचार के प्रभावी कार्यक्रम पर जोर दे रहा है.

एक सकारात्मक बदलाव के लिहाज से यूनीसेफ ने पाया है कि माता से बच्चों को होने वाले एचआईवी संक्रमण में नाटकीय ढंग से कमी आई है. उसने पाया कि निम्न और मध्य आय वाले देशों में ऐसे लगभग 8,50,000 मामलों को रोका जा सका है.

बच्चों और एड्स पर जारी 2013 स्टॉकटेकिंग रिपोर्ट में कहा गया कि एड्स से जुड़ी मौतों से 10 से 19 साल की उम्र वालों के मारे जाने की संख्या वर्ष 2005 से 2012 के बीच 71 हजार से बढ़कर 110 हजार हो गई थी. वर्ष 2012 में 21 लाख किशोर एड्स के साथ जी रहे थे.

एचआईवी से संक्रमित लगभग 90 प्रतिशत बच्चे सिर्फ 22 देशों में रहते हैं. एक बच्चे को छोड़कर बाकी सभी संक्रमित बच्चे उप सहारा अफ्रीका में हैं.

यूनीसेफ ने पाया कि वर्ष 2005 में संक्रमित शिशुओं की संख्या 540 थी, वही यह संख्या वर्ष 2012 में 260 हजार थी.

ऑप्शन बी प्लस के नाम से पहचाने जाने वाला और जीवन पर्यंत चलने वाला एंटीरेट्रोवायरल उपचार महिला के जरिए उनके बच्चों तक गर्भावस्था, प्रसव, दूध पिलाने के जरिए एचआईवी संक्रमण के पहुंचने पर प्रभावी तरीके से रोक लगाता है. इस उपचार में रोजाना एक गोली लेनी होती है.

यूनीसेफ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एड्स से जुड़ी मौतों में वर्ष 2005 से 2012 के बीच लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट आई है.

 



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