जैसे आकाश ने सबको घेरा हुआ है, जैसे जीवन की ऊर्जा सभी में व्याप्त है, वैसे ही कण- कण, चाहे पदार्थ का हो, चाहे चेतना का, परमात्मा की ही अभिव्यक्ति है। ....
आशावाद मनुष्य के लिए अमृत तुल्य है। जैसे तृषित को शीतल जल, रोगी को औषधि से, अंधकार को प्रकाश से, वनस्पति को सूर्य से लाभ होता है, उसी भांति आशावाद की संजीवनी बूटी से मृतप्राय मनुष्य में जीवन शक्ति का प्रादुर्भाव ह ....
स्वास्थ्य के बारे में सबसे सरल बात यह है कि आप बस शरीर का उपयोग करें। मैं तो कहूंगा कि हम अपने शरीरों का जितना संभव है उतना उपयोग करें, तो इस धरती की 80 फीसद बीमारियां गायब हो जाएंगी। ....
हमें अपने एक उत्पातकारी विद्यार्थी की स्मृति आज भी हरी है। वह कॉलेज आते हुए बाग के पेड़ और फल तोड़ता, मालियों को परेशान करता, छोटे विद्यार्थियों को पीटता था। ....