Devotthan Ekadashi: 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी, योग निद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु, शुरू होंगे मांगलिक कार्य

Last Updated 22 Nov 2023 03:35:25 PM IST

देवउठनी एकादशी इस साल 23 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन पांच मास से सोये भगवान लक्ष्मीनारायण देवोत्थान एकादशी पर जागेंगे। इसके बाद से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।


दीपावली के पश्चात आने वाली एकादशी को ‘देव उठनी’ या ‘प्रबोधिनी एकादशी’ कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि को देव शयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन उठते हैं। इसीलिए इसे देवोत्थान या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

इसी दिन तुलसी जी और शालिग्राम जी का विवाह भी किया जाता है। इस बार यह एकादशी गुरुवार (23 नवम्बर) को पड़ रही है।

ऐसे करें तुलसी जी की पूजा : शास्त्रों अनुसार इस दिन क्षीर सागर में सोये हुए भगवान विष्णु चार माह के बाद जागे थे। इसी कारण उनके शयनकाल के चार मासों में हिंदू समाज में विवाह आदि मांगलिक कार्य करना निषेध माना गया है।  भगवान हरि के जागने के बाद ही इस देवोत्थान एकादशी से शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं। ज्योतिषों के अनुसार इस दिन हिंदू धर्मावलम्बियों के घरों में तुलसी के पौधे और शालिग्राम जी का विवाह भी किया जाता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि जिन दम्पतियों के कन्या नहीं होती वे जीवन में एक बार तुलसी विवाह करके कन्यादान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन परिवार के साथ भगवान विष्णु सहित सभी देवी-देवताओं का विधिवत पूजन करने के बाद भगवान विष्णु को जगाना चाहिए। इसके बाद कथा सुननी चाहिए।

देवउठनी एकादशी मुहूर्त (Dev Uthani Ekadashi 2023 Muhurat)

    कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ - 22 नवंबर 2023, रात 11.03 से शुरू
    कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का समापन - 23 नवंबर 2023, रात 09.01 पर समाप्त

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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