योग

Last Updated 08 May 2020 12:25:03 AM IST

कई बार, जैसे ही लोग अपनी धन-संपत्ति खो बैठते हैं, वे सोचते हैं कि उनका जीवन समाप्त हो गया है, और वे स्वयं तक को मार डालने के लिए तैयार हो जाते हैं, है कि नहीं?


जग्गी वासुदेव

पर, नहीं, अगर आप का धन चला गया है तो योग के लिए यही समय है! यही कारण है कि जीवन पर एक जबर्दस्त, अनूठे दस्तावेज ‘योग-सूत्र’  का आरंभ, उसके रचयिता पतंजलि ने, आधे वाक्य से किया है..और अब योग! अगर आप अभी भी यही सोचते हैं कि विवाहित होने से या अविवाहित रहने से आपका जीवन अपना उद्देश्य प्राप्त कर लेगा तो आपके लिए अभी योग का समय नहीं आया है। यदि आपको विास है कि कुछ धन-संपत्ति पाने से आपका जीवन सही हो जाएगा, तो भी यह योग का समय नहीं है।

आपको अगर यह लगता है कि एक नया मकान बनाने से या नई गाड़ी खरीदने से आपके जीवन का उद्देश्य पूर्ण हो जाएगा, तब भी यह समय योग का नहीं है। हां, यदि आप जान जाते हैं कि ये सब चीजें हमारे जीवन में सुविधाएं तो लाएंगी पर हमारे अंदर किसी भी प्रकार का रूपांतरण नहीं लाएंगी-अगर आप यह एक बात समझते हैं तो-अब योग का समय है! तो अब, चीन का समय आ गया है-‘और अब योग!’  चाहे कुछ भी कहा जाए पर चीन एकमात्र देश है जिसने अपने 200 करोड़ लोगों को, दो पीढ़ियों में, लगभग 50 वर्ष के समय में, घनघोर गरीबी से निकाल कर खुशहाली के अच्छे स्तरों पर ला दिया है। किसी अन्य देश में ऐसा नहीं हुआ। भारत अभी सिर्फ  इस सीमा पर ही है।

जो काम चीन ने बहुत ज्यादा बलपूर्वक किया, भारत वह लोकतांत्रिक तरीके से कर सकता है-पर हम अभी भी सीमा पर बैठे हैं-हमें अभी भी कुछ दूर चलना है। हम बहुत सारी चीजों पर राय व्यक्त सकते हैं, बड़े-बड़े भाषण दे सकते हैं-बोलने की स्वतंत्रता, योग करने की स्वतंत्रता, मेरे अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की स्वतंत्रता वगैरह। पर हमें यह समझना चाहिए कि चीनी लोगों की वर्तमान खुशहाली का कारण है कि इसे बलपूर्वक, जबरदस्ती कराया गया है। तो क्या रहने का अभी भी यही तरीका है? वे जब असहाय गरीबी में थे, तो आगे बढ़ने का यही तरीका था-सही या गलत-वही उनके लिए एक समाधान बना। हमें इसकी प्रशंसा करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा हुआ है।



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